Mahua Moitra Expelled : पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित होने वाली तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra Expelled) पहली सांसद नहीं हैं। 18 साल पहले 24 दिसंबर 2005 में भी ऐसे ही मामले में 11 सांसदों की सदस्यता रद्द की गई थी। इनमें से 10 सांसद लोकसभा और एक सांसद राज्यसभा से थे। उस समय केंद्र में यूपीए सरकार थी।
2005 में ये 11 नेता हुए थे लोकसभा से निष्कासित
12 दिसंबर 2005 को स्टिंग ऑपरेशन दुर्योधन से सियासी भूचाल आ गया था। इसमें सांसदों को पैसे के बदले में सदन में सवाल पूछने का इच्छुक दिखाया गया था। इनमें भाजपा के छह सांसद छत्रपाल लोधा (ओडिशा), अन्ना साहेब एमके पाटिल (महाराष्ट्र), चंद्र प्रताप सिंह (मध्य प्रदेश), प्रदीप गांधी (छत्तीसगढ़), सुरेश चंदेल (हिमाचल) और जी महाजन (महाराष्ट्र), बसपा के तीन सांसद नरेंद्र कुशवाहा, लाल चंद्र कोल और राजाराम पाल (यूपी) थे। इसके अलावा राजद के मनोज कुमार और कांग्रेस के रामसेवक सिंह थे। भाजपा के छत्रपाल राज्यसभा सांसद थे।
मतदान में किया गया निष्कासित
संसद में वोटिंग के जरिए आरोपी सभी 11 सांसदों को निष्कासित कर दिया गया। वोटिंग के दौरान भाजपा ने बर्हिगमन किया था। लोकसभा में तत्कालीन अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने आरोपी सासंदों को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया था। तत्कालीन विपक्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सांसदों के निष्कासन की तुलना मृत्युदंड से की थी।
72 साल पहले हुई थी पहली बार कार्रवाई
महुआ मोइत्रा लोकसभा की 12वीं सदस्य है, जिन्हें अनैतिक आचरण के कारण अपनी सदस्यता गंवानी (Mahua Moitra Expelled) पड़ी है। ऐसे मामलों में लोकसभा के 11 तो राज्यसभा के 1 सदस्य पर पहले कार्रवाई हो चुकी है। कांग्रेसी सांसद एसजी मुगदल पहले सांसद थे, जिनकी 1951 में घूस लेकर सवाल पूछने के मामले में सदस्यता गई थी।
महुआ ने क्या कहा
Mahua Moitra Expelled from Lok Sabha
Mahua Moitra ने लोकसभा की उनकी सदस्यता खत्म करने के फैसले को कंगारू अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा जैसा बताया। कहा कि विपक्ष को झुकने पर मजबूर करने के लिए सरकार संसदीय समिति को हथियार बना रही है। महुआ ने कहा उपहार या नकदी से लेकर किसी तरह की सुविधा लेने के सुबूत के बिना सिर्फ शिकायती शपथपत्र के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया। बिना सुबूत के मुझे सदा दी गई है।
ममता बनर्जी ने क्या कहा
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा- यह बहुत दुख की बात है। 495 पेज की रिपोर्ट पर बस आधे घंटे में फैसला ले लिया गया। गणतंत्र की हत्या हुई है। महुआ को बोलने का मौका भी नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। यह किसी भी तरह से न्याय नहीं है। जनता भाजपा को जवाब देगी। महुआ परिस्थितियों की शिकार हुई है। पार्टी उनके साथ है। इंडिया गठबंधन के लोग महुआ के साथ खड़े हैं। महुआ इस लड़ाई को जीतेंगी। भाजपा के प्रतिषोधी नियमों के खिलाफ गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेंगे।
Also Read -: EVM Machine को लेकर ऊल जलूल अफवाह फैलाई तो खैर नहीं ! अब चुनाव आयोग देगा जवाब
Follow our page on Facebook, Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Updates.
Click & Join Our WhatsApp Group For Latest, Trending News and more updates.