Reliance Industries : रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत सरकार को टैक्स समेत अलग-अलग आइटम्स में सबसे ज्यादा पैसा देने वाली कंपनियों में से एक है। रिलायंस (Reliance Industries) ने पिछले तीन सालों (2020-2021, 2021-2022, 2022-2023) के दौरान सरकार को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी ने 1,7,173 करोड़ रुपये दिए, जो वित्त वर्ष 2021-22 के 1,88,102 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी (Reliance Industries) 1,77,173 रुपये देकर भारत में सबसे ज्यादा योगदान देने वाली कंपनी बनकर उभरी है। अगर कंपनी की ओर से पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान दिए गए कुल राशि को मिला लिया जाए तो यह भारत सरकार के बजट व्यय का 5 परसेंट से अधिक है।
रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड (Reliance Industries Limited) ने शनिवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपनी एनुअल रिपोर्ट (वार्षिक रिपोर्ट) जारी की है। कंपनी 28 अगस्त को अपनी एनुअल आम बैठक आयोजित करेगी।
जॉब देने में भी आगे रिलायंस
रोजगार देने में भी कंपनी ने नया रिकॉर्ड बनाया है। वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस ग्रुप ने 2.62 लाख लोगों को नौकरी दी है। 1.8 लाख लोगों को रिटेल सेक्टर में नौकरी दी गई जबकि 70,500 लोग जियो से जुड़े। 2,45,581 ऑनरोल कर्मचारियों के साथ रिलायंस रिटेल को देश के सबसे बड़े एम्प्लॉयर में से एक माना जाता है।
2022-23 के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के कुल कार्यबल की संख्या 3.89 लाख हो गई। खास बात यह है कि वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना के बावजूद कंपनी ने 75 हजार लोगों को नई नौकरियां दी थी।
5G के लिए रिलायंस जियो ने 20 हजार करोड़ जुटाए
एनुअल रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने कहा है कि देश में 5G विस्तार में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की खरीद के लिए स्वीडन की निर्यात क्रेडिट एजेंसी से 2.2 अरब डॉलर करीब 20 हजार करोड़ रुपये के फंड की मदद मिली है। कंपनी पहले से ही स्वीडिश कंपनी एरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया से बड़े पैमाने पर 5G नेटवर्क से जुड़े उपकरणों की खरीद कर रही है।
लगातार तीसरे साल मुकेश अंबानी ने नहीं लिया कोई वेतन
साल 2022-23 में भी रिलायंस कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कोई वेतन नहीं लिया। यह लगातार तीसरा साल है जब उन्होंने किसी तरह का वेतन नहीं लिया। जून 2020 में कोरोना को देखते हुए उन्होंने स्वेच्छा से वेतन नहीं लेने का फैसला किया था। इन 3 सालों में कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रहने के दौरान उन्होंने किसी तरह के भत्ते, अनुलाभ, सेवानिवृत्ति लाभ, कमिशन या स्टॉक ऑप्शन का भी फायदा नहीं उठाया।
इससे पहले मुकेश अंबानी 2008-09 में तय किया गया वेतन 15 करोड़ रुपये वेतन ले रहे थे। उनके चचेरे भाई निखिल और हीतल मेसवानी का वेतन बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें 17.25 करोड़ रुपये कमीशन शामिल है।
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता कंपनी के बोर्ड में एक गैर कार्यकारी निदेशक हैं और उन्हें सिटिंग फीस के तौर पर छह लाख रुपये और दो करोड़ रुपये कमीशन मिला है। उन्हें 2020-21 में 8 लाख रुपये सिटिंग फीस और 1.65 करोड़ रुपये कमीशन मिला था। जबकि सभी इंडीपेंडेंट डायरेक्टर्स को दो करोड़ रुपये कमीशन और सिटिंग फीस मिली। जनवरी, 2023 में रिलायंस बोर्ड में नियुक्त किए गए केवी कामथ को 3 लाख रुपये की सिटिंग फीस और 39 लाख रुपये का कमीशन दिया गया।
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