Zombie Satellite : क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी पृथ्वी के कितने उपग्रह (satellites) हैं। रिपोर्ट्स की माने तो, प्रेजेंट में पृथ्वी के 3,500 सैटेलाइट्स हैं और हर साल इनके नंबर्स बढ़ते जा रहे हैं। हर साल कोई न कोई देश अंतरिक्ष में अपने सैकड़ों सैटेलाइट्स भेज रहा है। पिछले ही हफ्ते भारत के ISRO ने भी पीएसएलवी रॉकेट की मदद से ओशियन-सैट 3 समेत 9 सैटेलाइट्स अंतरीक्ष में अपनी अपनी क्लासेज़ में सफलता से स्थापित किया था। सितंबर 2022 में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने अंतरीक्ष में अपने कई सैटेलाइट्स छोड़े थे, जिसके वीडियो भी काफी वायरल हुए थे। पर क्या आपने ये सोचा है कि इतने सारे सैटेलाइट्स अंतरीक्ष में जाते तो हैं, पर इनका काम जब खत्म हो जाता है या ये कही खो जाते हैं, तो इनका क्या होता है। तो बता दें, ये बन जाते हैं जॉम्बी सैटेलाइट। जी हां, सही पढ़ा जॉम्बी- तो चलिए समझते हैं Zombie Satellite क्या है और क्यों ये साइंटिस्ट्स के लिए चिंता का विषय है।
क्या है जॉम्बी सैटेलाइट और क्यों बढ़ रहा इसका खतरा
अंतरिक्ष में इन दिनों सैटेलाइट्स की बढ़ती संख्या साइंटिस्ट्स के लिए एक चिंता की बात है। किसी दूसरे सैटेलाइट से टकराने, बेकार हो गए सैटेलाइट्स के कचरे से दूसरे सैटेलाइट्स के काम पर इफेक्ट जैसी कई प्रॉब्लम्स सामने आ रही है। अब जॉम्बी सैटेलाइट ने भी अन्य सैटेलाइट्स के लिए खतरना पैदा करना शुरु कर दिया है। Zombie Satellite यानी ऐसे सैटेलाइट जो अपना जीवनकाल पूरा कर चुके हैं, और अक्रियाशील व नष्ट कर दिये गए हो, पर अंतरिक्ष में अभी भी इधर उधर घूम रहे हो।
पहली बार कब हुई थी Zombie Satellite की पुष्टी
जॉम्बी सैटेलाइट होने की पुष्टी साल 2013 में हुई थी, जब ब्रिटिश सांइटिस्ट फिल विलयम्स को रेडियो पर एलईएस-1 नाम के सैटेलाइट की फ्रीक्वेंसी मिली थी। इस सैटेलाइट पर विज्ञानियों का कंट्रोल 1967 में खत्म हो गया था। जॉम्बी सैटेलाइट से संपर्क होने की सबसे लेटेस्ट न्यूज 2020 की है। कनाडाई रेडियो ऑपरेटर स्कॉट टिल्ली (Scott Tilley) को एलईएस-5 नामक मृत घोषित कर दिये एक सैटेलाइट से रोडियो मैसेज मिला था।
Zombie Satellite ने बढ़ाई साइंटिस्ट्स की टेंशन
साइंटिस्ट्स को डर बना रहता है कि ये जॉम्बी सैटेलाइट्स अनियंत्रित होने पर कभी भी किसी स्पेस स्टेशन या दूसरे सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये जॉम्बी सैटेलाइट्स पृथ्वी और इंसाने को लिए कभी भी खतरा बन सकते हैं। इसका सबसे बड़ा एग्जाम्पल है चाइना की ओर से प्रोजेक्टेड लांग मार्च – 5 बी रॉकेट का कंट्रोल खो जाना और पृथ्वी के वायुमंडल में लौट आना। 5 नवंबर 2022 को 25 टन के इस रॉकेट ने प्रशांत महासागर में गिरने से पहले इतना खौफ पदा कर दिया कि स्पेन को अपने सभी उड़ानों को स्थगित करना पड़ा। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब खराब सैटेलाइट्स या रॉकेट यानी जॉम्बी सैटेलाइटअनियंत्रित होकर पृथ्वी पर आकर गिरे हैं।
जानने वाली बातें-
भारत ने एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च कर एक नया और अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है।
3,600 से अधिक मानवयुक्त और मानवरहित एक्टिव सैटेलाइट्स अंतरिक्ष औ पृथ्वी की कक्षा में मौजूद हैं।
1957 में तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा प्रक्षेपित दुनिया के पहले उपग्रह (satellite) सुप्तनिक -1 के बाद में अंतरिक्षों में अब तक कुल 8 हजार से ज्यादा सैटेलाइट्स भेजे जा चुके हैं।
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