Zombie Deer Disease : नॉर्थ अमेरिका में इस वक्त हिरणों पर एक भयानक बीमारी का कहर मंडरा रहा है। इस भयानक बीमारी का नाम क्रोनिक वेस्टिंग डिजीज (सीडब्ल्यूडी) है, लेकिन लोग इसे जॉम्बी डीयर डिजीज (Zombie Deer Disease) के नाम से बुला रहे हैं। यह बहुत तेजी से हिरणों की आबादी में फैल रही है। साइंटिस्ट्स को चिंता है कि कहीं ये बीमारी कहीं इंसानों में भी न फैल जाए।
Zombie Deer Disease में क्या होता है
इस बीमारी में न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है। इस बीमारी में हिरण नशे में दिखता है और आलसी बना रहता है। लड़खड़ता हुआ दिखता है। खाली जगहों पर इधर उधर लगातार देखता रहता है। नॉर्थ अमेरिका के व्योमिंग में ही सिर्फ अब तक 800 से ज्यादा हिरणों, एल्क और मूज में यह बीमारी देखी जा चुकी है।
सीडब्ल्यूडी यानी जॉम्बी डीयर डिजीज (Zombie Deer Disease) फैलने का पूरा का पूरा आरोप प्रायन्स का हैं। साइंटिस्ट्स इसे ही बीमारी के फैलने की वजह मान रहे हैं।
प्रायन्स क्या होता है
प्रायन्स असल में गलत तरह से फोल्ड हुए प्रोटीन होते हैं, जो दिमाग में मौजूद सामान्य प्रोटीन गलत तरीके से फोल्ड होने यानी मुड़ने पर मजबूर कर देते हैं। क्रोनिक वेस्टिंग डिजीज की वजह से न्यूरोलॉजिकल डीजेनरेशन होता है। मतल दिमाग का विकास रुक जाता है, जिससे चीजें समझने की क्षमता खत्म होने लगती है।
मैड काउ डिजीज
प्रायन्स की वजह से एक बीमारी और होती है, जिसे क्रूट्सफेल्ड जेकब रोग (CJD) कहते हैं, यह इंसानों को होती है. इसे ही गायों में मैड काउ डिजीज के नाम से जाना जाता हैं। 1995 में यह बीमारी ब्रिटेन में फैली थी, जिसकी वजह से लाखों मवेशियों मारे गए थे। इस बीमारी से 178 इंसानों की भी ली थी।
इंसानों में लक्षण नहीं
इंसानों में अभी तक सीडब्ल्यूडी के लक्षण फिलहाल नहीं मिले हैं, न ही कोई केस सामने आया है। लेकिन कुछ वजहें हो सकती हैं, जिससे ये इंसानों में फैल भी सकती है। पहली वजह, लेबोरेटरी में देखा गया कि प्रायन्स इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। दूसरी ये कि, इंसान संक्रमित जीव का शिकार करके अगर उसे खाता है, तो बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है।
इंसानों ने संक्रमित हिरण खाए
साल 2017 में इंसानों ने 7 हजार से 15 हजार सीडब्ल्यूडी संक्रमित जीवों को खाया था। जंगल में शिकार करके इस तरह की जीवों को खाने की लालच हर साल 20 परसेंट की दर से बढ़ रही है। सबसे ज्यादा CWD के मामले विस्कॉन्सिन में दर्ज किए गए हैं। यहां हजारों लोगों ने संक्रमित हिरण का मांस खाया है, जबकि उन्हें इसके लिए रोका गया था।
डिटेक्ट करना कठिन
प्रायन्स की वजह से होने वाली बीमारी को डिटेक्ट करना बेहद कठिन होता है। खासतौर से इंसानों में, प्रायन्स की वजह से शरीर में किसी तरह का इम्यून रेस्पॉन्स पैदा नहीं होता। इसलिए उसे डायग्नोस करना कठिन है। फिलहाल इस बीमारी का इंसान को डायरेक्ट संक्रमित करने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
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