Titan Submarine : टाइटन के हादसे ने एक बार भी टाइटैनिक के जख्मों को ताजा कर दिया है। पांच दिन से उत्तरी अटलांटिक में लापता पनडुब्बी को खोजने के लिए तलाशी अभियान गुरुवार को भी चला। इस दौरान पानी के नीचे टाइटैनिक जहाज के पास एक मलबा मिला है। इसे एक रोबोट ने ढूंढा। माना जा रहा है कि यह मलबा उसी टाइटन पनडुब्बी (Titan Submarine) का है। US कोस्ट गार्ड और पनडुब्बी संचालक कंपनी ओशिएनगेट ने बयान जारी कर कहा है कि पायलट समेत पनडुब्बी में सवार पांचों सदस्यों को अब मृत मान लिया गया है।
अमेरिका तटरक्षक, कनाडाई सैन्य विमान, फांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट ने तलाशी अभियान चलाया था। अमेरिकी तटरक्षक बल व कंपनी की ओर से बताया गया कि पनडुब्बी से स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह 6 बजे जब संपर्क टूटा था, उस समय उसमें चार दिन की ऑक्सीजन आपूर्ति थी। तलाशी अभियान के दौरान मंगलवार को धमाकों की आवाज से यात्रियों के जिंदा होने की उम्मीद जगी थी, क्योंकि पनडुब्बी के सतह से संपर्क करने में कठिनाई होने पर उपकरणों की मदद से यात्री ऐसी आवाजें छोड़ते हैं।
जिस क्षेत्र में पनडुब्बी (Titan Submarine) लापता हुई है, वहां कोहरा और तूफान वाला मौसम होने से बहुत ही खतरनाक स्थिति है। इसलिए राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानी हो रही है। ओशिएनगेट ने भी स्टेटमेंट जारी कर हादसे की पुष्टि की है। माना जा रहा है कि पनडुब्बी इंप्लोजन का शिकार हुई है।
टाइटैनिक हादसे में मारे गए दंपत्ति की परपोती है लापता पनडुब्बी की पायलट
लापता पनडुब्बी (Titan Submarine) में ब्रिटिश व्यवसायी हमिश, हार्डिंग, ब्रिटिश-पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान दाऊद,पनडुब्बी संचालक कंपनी ओशिएनगेट के मुख्य कार्यकारी स्टाकटन रश और उनकी पत्नी और पनडुब्बी की पायलट वेंडी रश सवार थें।
इसके अलावा पनड्बुबी में 77 साल के फ़्रांसीसी खोजी पॉल आनरी नार्जियोले भी थें। पॉल आनरी 1987 में पहली बार टाइटैनिक का मलबा देखने समंदर में गए थें। तब से लेकर अब तक पॉल आनरी 35 बार टाइटैनिक के मलबे की यात्रा कर चुके थें। पर इस बार शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
खात बात ये है कि पायलट वेंडी रश खुदरा व्यापार के दिग्गज उन इसेडोर सट्रास और उनकी पत्नी इडा की परपोती हैं, जिनकी 14 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक हादसे में मौत हो गई थी। जहाज के डूबते समय स्ट्रस और इडा को टाइटैनिक के डेक पर हाथ में हाथ डाले खड़े देखा गया था। अभिलेखों से पता चलता है कि टाइटैनिक के डूबने से लगभग दो हफ्ते बाद स्ट्रास का शव समुद्र में मिल गया था, पर इडा का शव नहीं मिल पाया था।
Titan क्या थी
टाइटन (Titan Submarine) एक तरह की पनडुब्बी थी। इसकी बॉडी कार्बन-फ़ाइबर से बनी थी। पनडुब्बी में 1 पायलट के अलावा 4 और लोग बैठ सकते थें। 17 साल से ऊपर के लोग इन पनडुब्बी का टिकट ले सकते थे। इस पनडुब्बी के एक टिकट की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये थी।
अमेरिका में कुछ कंपनियों ने टाइटैनिक टूरिज्म की शुरुआत की थी। लोगों को टाइनटैनिक का मलबा देखने का क्रेज था और आज भी है। ओशिएनगेट कंपनी भी टैइटैनिक टूर करवाती है। कंपनी के पास टाइटन जैसे कई और पनडुब्बियां भी हैं। Titanic तक पहुंचकर वापस बाहर आने में टाइटन को लगभग 8 घंटे का वक्त लगता था।
टाइटन पनडुब्बी में एक बार 96 घंटे तक का ऑक्सीजन भरा जा सकता था। टाइनट पनडुब्बी को बाहर से पोलर प्रिंस नाम के जहाज से सपोर्ट मिल रहा था। पर 18 जून को समुंद्र के अंदर जाने के लगभग 2 घंटे बाद ही टाइटन का संपर्क टूट गया। संपर्क टूटने के 8 घंटों बाद शिप ने यूएस कोर्ट गार्ड को इसकी जानकारी दी और अलर्ट किया। इसके बाद कोस्ट गार्ड और कई प्राइवेट कंपनियों ने सर्च ऑपरेशन शुरु किया, पर पनडुब्बी को ढूंढने में सफल नहीं हो सके।
Click & Join Our WhatsApp Group For Latest, Trending News and more updates..
Follow our page on Facebook Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Articles.