Grain Storage Scheme : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकार से समृद्धि कार्यक्रम के तहत दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी अनाज भंडारण योजना (Grain Storage Scheme) के पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर दिया है। इस स्कीम के तहत देशभर में अनाज स्टोरेज बनाए गए हैं। देशभर के 11 राज्यों की 11 प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी में संचालित किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत भारत की भंडारण क्षमता को मजबूत किया जा सकता है। अभी फिलहाल देश की भंडारण क्षमता 47 परसेंट ही है।
इस पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने गोदामों और कृषि से जुड़ी अन्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए देशभर में अतिरिक्त 500 पीएसीएस की आधारशिला भी रखी। ये कार्यक्रम दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री देश भर में 18 हजार पीएसीएस में कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना का उद्घाटन भी करेंगे। केंद्र ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए 2,500 करोड़ रुपए के बजट की मंजूरी दी है।
क्या है भंडारण क्षमता ?
Grain Storage Scheme
इसका मतलब है कि देश में अनाज के स्टोरेज को बढ़ावा देना. इस योजना के मंजूर होने से देश में अनाज को और ज्यादा स्टोर किया जा सकेगा।
क्या है पीएसीएस का मकसद?
पीएसीएस (Primary Agricultural Credit Societies) का मकसद गोदामों को खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत करना और खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाना है. फसल खराब होने के डर से किसानों को औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
क्या किया जाएगा?
इस प्रोजेक्ट (Grain Storage Scheme ) के तहत देश में अन्नदाता के उत्पादों को बचाने के लिए ब्लॉक लेवल पर 500 से 2,000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों को बनाया जाएगा।
कब दी गई मंजूरी?
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना (Grain Storage Scheme) को मंजूरी दी। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए एक इंटर-मिनिस्टेरियल कमिटी (आईएमसी) के गठन और अधिकारिता को भी मंजूरी दी गई है।
सॉफ्टवेयर डेवलप किया
इस परियोजना का उद्देश्य पीएसीएस को नाबार्ड के साथ जोड़कर उनका संचालन करना है. इस तरह करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा, नाबार्ड ने इस परियोजना के लिए नेशनल लेवल का कॉमन सॉफ्टवेयर डेवलप किया है, जो देश भर में पीएसीएस की कई जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।
फसल पर कर्ज ले सकेंगे किसान
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इन गोदामों के बन जाने के बाद भंडारण सुविधा के अभाव में बर्बाद होने वाले लाखों टन अनाज को बचाया जा सकेगा। किसान गोदाम में अपने उत्पाद रखकर उसे अच्छे दाम पर बेच सकेंगे। किसान भंडार में रखी अपनी फसल पर 70 परसेंट कर्ज भी ले सकेंगे।
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