CJI DY Chandrachud : निचली अदालतों के जज जमानत देने से हिचकते हैं। इसके पीछे के कारण को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डावाई चंद्रचूण (CJI DY Chandrachud) ने बताया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जघन्य मामलों में निशाना बनाए जाने के डर की वजह से निचली अदालतों के जज जमानत देने से हिचकते हैं।
टार्गेट बनाए जाने से डरते हैं निचली अदालत के जज
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सम्मान समारोह में पहुंचे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूण (CJI DY Chandrachud) ने ये भी कहा कि जमानत देने के लिए जमीनी स्तर पर अनिच्छा की वजह से उच्च न्यायपालिका में जमानत आवेदनों की बाढ़ सी आ गई है। चीफ जस्टिस ने एक बड़ी बात कही कि- ऐसा नहीं है कि निचली अदालत के जजों को अपराध की समझ नहीं है, लेकिन वे जघन्य मामलों में जमानत देने के लिए निशाना बनाए जाने से डरते हैं।
वकीलों के हड़ताल से न्याय पाने वाला होता है प्रभावित
हाल ही में, गुजरात, मद्रास और तेलंगाना हाई कोर्ट के वकीलों ने न्यायाधीशों के ट्रांसफर के लिए सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की ओर से किये गए प्रस्ताव का विरोध करते हुए हड़ताल किया था। CJI ने कहा- जब वकील हड़ताल पर होते हैं तो न्याय पाने वाला प्रभावित होता है न कि जज और वकील।
CJI DY Chandrachud ने वकीलों से कहा- जिला न्यायालय देश की न्यायिक प्रणाली के मामलों में उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट। जिला न्यायपालिका, न्यायपालिका और आम नागरिक के बीच इंटरफेस का पहला प्वाइंट है।
कैसे हैं Chief Justice DY Chandrachud
बता दें, DY Chandrachud 9 नवंबर को देश के 50वें चीफ जस्टिस बने थे। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक रहेगा। CJI डीवाई चंद्रचूण को नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रति बहुत संवेंदनशील माना जाता है। उनकी सबसे बड़ी विशेषता दुर्व्यवहार करने वालों के प्रति उनका सख्त रवइया अपनाना है। वे प्रोग्रेसिव और लिब्रल जज के रूप में जाने जाते हैं।
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