Rajeev Gandhi Murder Case : देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे राजीव गांधी के 6 हत्यारे यानी, नलिनी श्रीहरण, आरपी रविचंद्रम, संथम, मुरगन, रॉबर्ट पॉयस और जयकुमार करीब 30 साल बाद जेल से आजाद हो गए हैं। तो आखिर सुप्रीम कोर्ट ने किस बिनाह पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारों को रिहा करने का ये आदेश जारी किया और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजीव गांधी हत्याकांड (Rajeev Gandhi Murder Case) पर क्या असर होगा।
हत्या के एक दोषी को मई 2022 में मिल गई थी रिहाई
Rajeev Gandhi Murder case के एक दोषी एजी पेरारीवलन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मई 2022 में ही रिहा कर दिया गया था। रिहाई के वक्त पेरारीवलन करीब 31 साल जेल में गुजार चुका था। पेरारीवलन की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 का हवाला दिया था, जिसमें किसी मामले में संपूर्ण न्याय की व्याख्या की गई है। 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या के बाद 11 जून 1991 को पेरारीवलन को गिरफ्तार किया गया था, तब उसकी उम्र सिर्फ 19 साल की थी।
1998 में निचली कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा
केस की सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने जनवरी 1998 में पेरारीवलन को फांसी की सजा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मई 1999 में दिये गए अपने फैसले में पेरारीवलन की सजा जारी रखी। लेकिन पेरारीवलन को फांसी नहीं हो पाई और साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को भी उम्रकैद में तब्दील कर दिया। इसके बाद पेरारीवलन के अच्छे चाल चलन और संविधान के अनुच्छेद 142 का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली बेंच ने 18 मई 2022 को पेरारीवलन को रिहा कर दिया।
दोषी नलिनी ने भी की रिहाई की गुजारिश
पेरारीवलन की इसी रिहाई को आगे आधार बनाया राजीव गांधी हत्याकांड (Rajeev Gandhi Murder case) की एक और दोषी नलिनी श्रीहरण ने जो परोल पर बाहर है और वो भी करीब 30 साल का वक्त जेल में गुजार चुकी है। नलिनी ने पेरारीवलन की रिहाई को आधार बनाकर खुद की रिहाई की गुजारिश सुप्रीम कोर्ट से की थी। नलिनी को सोनिया गांधी ने अपने पति राजीव गांधी की हत्या के लिए माफ कर दिया था, वजह कि वो उस वक्त गर्भवती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी को माफ नहीं किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर किया सभी हत्यारों को रिहा
जब पेरारीवलन को रिहाई मिली तो नलिनी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। वहां पर उसकी याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नगरत ने ये माना की उम्र कैद की सजा काट रहे लोग 30 साल से ज्यादा समय जेल में गुजार चुके हैं और अब वो सभी रिहाई के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत मिली विशेष पॉवर्स का इस्तेमाल करते हुए राजीव गांधी हत्याकांड (Rajeev Gandhi Murder case) के सभी दोषियों के रिहाई का आदेश दिया और कहा कि इन लोगों के ऊपर को दूसरा कोई और मामला लंबित नहीं है तो इन्हें तत्काल रिहा कर दिया जाए।
कांग्रेस नेता जयराम ने रिहाई पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के एक घंटे के अंदर ही राजीव गांधी के सभी हत्यारे जेल से रिहा हो गए। हालांकि इनकी रिहाई के आदेश पर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक पत्र जारी कर कहा- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते वक्त देश की भावनाओं का ध्यान नहीं रखा। हालांकि तमिलनाडू में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी डीएमके ने इस फैसला का स्वागत किया है। अब रिहाई सुप्रीम कोर्ट से हुई है तो जाहिर सी बात है इस केस में आगे कुछ बचा नहीं है।
courtesy – ABP
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