George Soros : अरबपति जॉर्ज सोरोस इन दिनों भारत की राजनीति में एक मेन कैरेक्टर बने हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी जॉर्ज सोरोस के साथ मिल कर भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए काम कर रहे हैं. इस साजिश में अमेरिका का डीप स्टेट भी शामिल है. आइये जानते हैं कि जॉर्ज सोरोस (George Soros) कौन हैं और दुनिया भर के दूसरे देशों में किस तरह की भूमिका के लिए उनका नाम चर्चा में रहा है.
सत्ता परिवर्तन के लिए वित्तीय मदद
George Soros और उनकी संस्था ओपन सोसायटी फाउंडेशन पर सत्ता परिवर्तन की साजिश रचने के आरोप भी लगते रहे हैं. 2016 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ओपन सोसायटी फाउंडेशन रूस के राष्ट्रपति वोलोदिमीर पुतिन को पद से हटाने की साजिश रच रही है. केवल रूस ही नहीं अमेरिका में भी तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप सोरोस और ओपन सोसायटी पर लगे हैं. 2011 में अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. उस समय दावा किया गया था कि इसके लिए फंडिंग जॉर्ज सोरोस कर रहे हैं. वह अरब स्प्रिंग की तरह अमेरिका में भी विद्रोह भड़काने की साजिश रच रहे हैं. यह भी आरोप लगा था कि सोरोस ने अरब स्प्रिंग के लिए जिम्मेदार स्थानीय संगठनों को फाइनेंशियल मदद दी थी.
फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कमाया बेहिसाब पैसा
जॉर्ज सोरोस को एक अरबपति और परोपकार से जुड़े काम करने वाले व्यक्ति के तौर पर जाने जाते हैं. वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 8.5 अरब डॉलर है. सोरोस का जन्म हंगरी के बुडापेस्ट में 1930 में एक समृद्ध यहूदी परिवार में हुआ था. 1956 में सोरोस अमेरिका आ गए और फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखा. 1973 में सोरोस ने फंड मैनेजमेंट लॉन्च किया. सोरोस का दावा है कि उनका फंड अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा और कामयाब निवेशक है. जॉर्ज सोरोस ने 1984 में ओपन सोसायटी फाउंडेशन की शुरुआत की थी. फाउंडेशन का दावा है कि उसकी टीम 120 से ज्यादा देशों में लोकतंत्र, न्याय और मानवाधिकारों के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है.
एशिया में वित्तीय संकट
George Soros को 1997 में एशिया में आए वित्तीय संकट के के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है. उन पर थाइलैंड और मलेशिया की करंसी से छेड़छाड़ (गलत तरीकों का इस्तेमाल करके करंसी की कीमतों को गिराना) के आरोप भी लगे थे. ऐसा माना जाता है कि करंसी से छेड़छाड़ से कई एशियाई देशों में सत्ता बदल गई. दक्षिण कोरिया में पहली बार किसी विपक्षी उम्मीदवार ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था.
इंडोनेशिया में तीन दशकों की आर्थिक वृद्धि के बावजूद सुहार्तों को सत्ता गंवानी पड़ी थी. ब्रिटेन में सोरोस को बैंक आफ इंग्लैंड को बर्बाद करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि सोरोस ने पहले पाउंड उधार लिए और फिर उन्हें बेच दिया. इससे ब्रिटेन की करंसी कमजोर हो गई. ऐसा माना जाता है कि इस पूरे लेनदेन में सोरोस को एक अरब डालर का मुनाफा हुआ था.
George Soros ने भारत में सत्ता परिवर्तन के लिए की साजिश
जॉर्ज सोरोस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रवादी विचारों के आलोचक रहे हैं. उन्होंने खुल कर कहा था कि भारत में फासीवादी सरकार है और वे 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को हटाने के लिए एक अरब डालर खर्च करेंगे. विश्लेषकों का एक वर्ग मानता है कि अमेरिका का डीप स्टेट भारत में ऐसी सरकार चाहता है, जो अमेरिका के हितों के हिसाब से काम करे. डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ लोग, जॉर्ज सोरोस, अमेरिका के प्रशासन और हथियार लॉबी के लोग इस डीप स्टेट का हिस्सा हैं.
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