Gym Risk Factor After Age of 40 : एक्टर सिद्धांत वीर सूर्यवंशी की शुक्रवार को 46 साल की उम्र में जिम में Exercise करते वक्त गिरने के बाद मौत हो गई। सिद्धांत से पहले, फेमस स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की भी इस साल सितंबर में नई दिल्ली में एक जिम में वर्कआउट करने के दौरान “mild heart attack” पड़ने के बाद मौत हो गई थी। पिछले साल कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार की भी जिम में Exercise के बाद हर्ट अटैक आने से मौत हो गई थी। भाभी जी घर पर हैं सीरियल में मलखान का किरेदार निभाने वाले दीपेश भान, जिनकी क्रिकेट खेलने के दौरान इसी साल मौत हो गई थी। वर्कआउट के दौरान फेमस सेलिब्रिटीज़ की मौत ने एक बार फिर strenuous exercise (जरुरत से ज्यादा व्यायाम) और हर्ट हेल्थ की ओर अपना ध्यान खींचा है। आइये हेल्थ एक्सपर्ट्स से समझते हैं, क्या है Gym Risk Factor.
अब्डॉमिनल ओबेसिटी के लोगों को होता है खतरा
द इंडियन एक्सप्रेस में पब्लिश्ड एक आर्टिकल के अनुसार, शारदा हॉस्पिटल के डॉ श्रे श्रीवास्तव बताते हैं कि – जिन लोगों को अब्डॉमिनल ओबेसिटी (पेट का मोटापा) होता है, उन्हें एक्सरसाइज के दौरान कोलैप्स होने का खतरा (Gym Risk) ज्यादा होता है। हम उन्हें मेटाबोलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) से पीड़ित मरीजों के रूप में लेबल करते हैं।
एक से अधिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को होता है एक्सरसाइज के वक्त कौलैप्स का खतरा
डॉ श्रे बताते हैं कि – यदि किसी व्यक्ति का बीएमआई 25-27 से अधिक है, वह डयबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी एक से अधिक बीमारियों से पीड़ित होता है। लंबे समय से स्मोकिंग कर रहा है, शराब पीता है या हर्ट की बीमारी से पीड़ित होता है। उन्हें इसका खतरा (एक्सरसाइज के वक्त कोलैप्सिंग हर्ट अटैक) सबसे अधिक होता है।
जरुरत से ज्यादा कसरत करना
शारदा अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुभेंदु मोहंती ने बताया, “धूम्रपान (smoking) करने वाले लोग व्यायाम करने के आदी नहीं होते हैं, लेकिन अचानक जरुरत से ज्यादा कसरत (strenuous exercise) करना शुरू कर देते हैं, जो इस रिस्क को बढ़ा देता है। और जिन्हें डायबिटीज़, हाइपर टेन्शन की दिक्कत पहले से है उन्हें ज्यादा रिस्क है। 40 plus उम्र के लोगों में वर्कआउट करते समय कोलैप्स होने की आशंका अधिक होती है, जिसका कारण उनकी sedentary lifestyle, (ज्यादा वक्त तक बैठकर काम करना) है।
pic credit – Times of India
सेडेन्ट्री लाइफ स्टाइल वालों को होता है कोलैप्स का खतरा
फोर्टिस हॉस्पिटल के एसोसिएट कंसल्टेंट, हेड- प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी डॉ विवेक शर्मा, बताते हैं कि, 40+ सेक्शन में बहुत गतिहीन जीवन शैली (Sedentary Lifestyle) है। अधिकतर, वे देर रात तक काम करते हैं, इम्प्रॉपर डाइट की आदतें रखते हैं। कुछ अभिनेता, विशेष रूप से, वर्कआउट करते समय अलग-अलग सप्लीमेंट लेते हैं, जिनकी वास्तव में हेल्थ एक्सपर्ट्स की ओर से कोई रिकमेंडेशन नहीं की जाती है। स्टेरॉयड का इस्तेमाल आमतौर पर उनकी सेहत पर आगे चल कर बुरा असर डालता है।
डॉ श्रीवासत्व बताते हैं कि, जब कोई बहुत जल्दी अपना वजन कम करना चाहता है, तो वे जिम में ज्यादा Exercise करने लगते हैं। “उसके कारण, मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में अचानक कमी आती है। इसे कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest) कहते हैं। ऐसे में जिम जाने वाला कोमा में जा सकता हैं।”
हेल्थ स्क्रीनिंग को लेकर लोग नहीं है जागरूक
रूटीन हेल्थ स्क्रीनिंग पर बात करते हुए डॉ शर्मा ने बताया कि, कुछ लोग Gym ज्वाइन करते हैं, और कुछ ही दिनों बाद उन्हें अटैक आ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी सहनशीलता कम है। साथ ही जिम ट्रेनर की कम नॉलेज भी इसके एक कारण हैं। भारत में, हम अपने स्वास्थ्य पर बहुत कम खर्च करते हैं और नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं कराते हैं। कुछ मामलों में, हमने पाया कि मरीज की हर्ट फंक्शनिंग पुअर थी और उन्होंने फिट होने के लिए Gym ज्वाइन कर लिया। पर लो हर्ट फंक्शन के कारण वो गिर गए और कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई।
इन बातों का रखें ध्यान
- यह समझना जरूरी है कि वजन कम करने का कोई शॉर्टकट नहीं है।
- सोशल मीडिया के सुझावों का पालन न करें बल्कि exercise करते समय जिम ट्रेनर द्वारा दिए गए उचित दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- लॉन्ग टर्म के लिए उचित व्यायाम के माध्यम से वजन कम करें। “आपको एक महीने में अपने कुल वजन का 10 प्रतिशत से अधिक वजन कम नहीं करना चाहिए।
- पर्याप्त डाइट को फॉलो करें।
Follow our page on Facebook, Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Articles.