Cheetah returns to India : 70 साल बाद Namibia से 8 चीते भारत लाए गए हैं। 17 सिंतबर पीएम मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर इन 8 चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है। इनमें 3 नर (male) और 5 मादा (female) चीता है। इन चीतों को क्वॉरेंटाइन क्लोजर में 30 दिनों के लिए अलग-अलग रखा जाएगा। दरअसल, भारत में 70 साल से चीते विलुप्त (extinct) हैं। आखिरी बार साल 1948 में चीतों को देखा गया था। 1952 में चीतों को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया। आइये जानते हैं नामीबिया के पहले ईरान से क्यों आने वाला था चीता। कूनो नेशनल पार्क में ही क्यों इन चीतों को छोड़ा गया। आये हुए 8 Namibian चीतों से जुड़ी कुछ खास बातें।
Namibia से ही चीतों को क्यों लाया गया
एक्सपर्ट कमीटी के मुताबिक, अगर किसी जंगली जानवर को विदेश से भारत लाया जा रहा है तो, सबसे पहले हमें ये भी देखना होगा कि वो जानवर भारत के मौसम और एनवायरॉन्मेंट में सर्वाईव कर सके। चीतों के व्यवहार और उनके जेनेटिक्स को भी चेक किया गया। सबसे पहले भारत ने चीतों को लाने के लिए ईरान से बात की थी, पर ईरान ने भी भारत के सामने एक शर्त रख दी कि उन्हें चीतों के बदले शेर चाहिये, जिसपर भारत ने अपना फैसला बदल लिया।
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फिर Namibia से चीतों को लाने पर विचार हुआ। भारत सरकार ने इसी साल 20 जुलाई को चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के तहत Namibia के साथ आठ चीते लाने को लेकर एग्रीमेंट किया था। Namibia की राजधानी विंडहोक से कस्टमाइज्ड बोइंग 747-400 एयरक्राफ्ट पर इन चीतों को भारत लाया गया।
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कूनो नेशनल पार्क में ही क्यों छोड़े गए चीते
2010 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दस जगहों का सर्वे किया गया था। सर्वे में यह पाया गया कि कूनो पालपुर नेशनल पार्क (Kuno Palpur National Park) चीतों को रखने के लिए सबसे बेहतर जगह है। यह पार्क 748 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इन चीतों को यहां रखने का सबसे बड़ा कारण हैं, कि नेशनल पार्क के आसपास कोई बस्ती नहीं है। नेशनल पार्क का क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया के साल जंगलों के बहुत करीब है। इन्हीं जंगलों में लगभग 70 साल पहले एशियाई चीते अंतिम बार देखे गए थें।
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कूनो नेशनल पार्क को बाघ, शेर, तेंदुआ और चीतों का संभावित निवास माना गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में 21 चीते रह सकते हैं। इस एरिया में करीब 200 सांभर, चीतल व अन्य जानवर लाकर बसाए गए हैं। कूनो में चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, चिंकारा, ब्लैक बक, ग्रे लंगूर, लाल मुंह वाले बंदर, शाही, भालू, सियार, लकड़बग्घे, ग्रे भेड़िये, गोल्डेन सियार, मंगूज जैसे कई जीव भी मौजूद हैं। यहां चीतों के लिए खाने की कोई कमी नहीं है।
Namibia से आए 8 चीतों के बारे में डीटेल-
– आठ चीतों के ग्रुप में 5 मादा (female) और 3 नर (male) हैं।
– मादा (female) चीतों की उम्र 2 से 5 साल के बीच है और नर (male) चीतों की उम्र 4.5 साल से 5.5 साल के बीच है।
– 3 नर (male) चीतों में दो भाई हैं जो जुलाई 2021 से नामीबिया में Cheetah Conservation Fund के रिजर्व में रह रहे थें। एक अन्य नर (male) चीते का जन्म 2018 में किसी दूसरे रिजर्व में हुआ है।
– एक मादा चीता दक्षिणपूर्वी नामीबिया में गोबाबिस के पास एक जलकुंड में पाई गई थी। उस समय वो कुपोषित थी और उसे 2020 में Cheetah Conservation Fund के रिजर्व में लाया गया था।
– दूसरी मादा चीता को सीसीएफ रिजर्व के पास के एक खेत में से पकड़ा गया था।
– तीसरी मादा चीता का जन्म अप्रैल 2020 में एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में हुआ था।
– चौथी मादा चीता 2017 में एक खेत में कुपोषित हालत में मिली थी। पांचवीं मादा चीता 2019 में पाई गई थी। चौथी और पांचवीं नंबर की चीता ‘अच्छी दोस्त’ हैं और वे हमेशा एक साथ पाई जाती हैं।
– आठों चीतों को 30 दिनों के लिए क्वारंटाइन क्लोजर में रखा जाएगा और फिर उन्हें 6 वर्ग किमी प्रीडेटर-प्रूफ सुविधा में छोड़ा जाएगा।
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