Pawan Kumar Rai : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी और खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाने के बाद पंजाब कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी और कनाडा में भारतीय खुफिया विभाग के प्रमुख Pawan Kumar Rai को उनके पद से हटा दिया गया है। भारत ने कनाडाई सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों को “बेतुका” बताते हुए इसका खंडन किया है।
कौन हैं भारतीय डिप्लोमौट Pawan Kumar Rai ?
1997 बैच के पंजाब कैडर के IPS अधिकारी पवन कुमार राय 1 जुलाई 2010 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। दिसंबर 2018 में, उन्हें विदेश मंत्रालय (एमईए) के संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया और उन्होंने कैबिनेट सचिवालय में निदेशक के रूप में भी कार्य किया।
अपनी केंद्रीय डेपिट्यूशन से पहले, पंजाब में अपने कार्यकाल के दौरान, राय (Pawan Kumar Rai) ने CID अमृतसर में पुलिस अधीक्षक का पद संभाला और बाद में जुलाई 2008 में उन्हें जालंधर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया।
मंगलवार को, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका का आरोप लगाया। नतीजतन, कनाडा के विदेशमंत्री मेलानी जोली ने “शीर्ष भारतीय राजनयिक” पवन राय कुमार को निष्कासित कर दिया।
अब तक कनाडाई पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं की है, जिसे ब्रिटिश कोलंबिया में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी।
विदेश में कुछ भारतीयों के अनुसार, भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का निर्णय जस्टिन ट्रूडो पर खालिस्तानी समूहों के दबाव को कम करने के लिए किया गया है। भारत में खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ बयान जारी करने के बाद खालिस्तानी समूह कथित तौर पर जस्टिन ट्रूडो से नाराज थे।
निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक समूह ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं। खालिस्तानी नेताओं ने पोस्टर और बैनर के जरिए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा, भारत के काउंसिल जनरल अपूर्व श्रीवास्तव समेत भारतीय राजनयिकों को खुलेआम धमकी भी दी थी।
हालांकि, कनाडाई अधिकारियों ने अभी तक खालिस्तानी चरमपंथियों और मंदिरों में तोड़फोड़ के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। इंडिया टूडे में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार “भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का कदम कुछ और नहीं बल्कि खालिस्तानी चरमपंथियों को लुभाने का एक प्रयास है जो जस्टिन ट्रूडो से नाराज थे।”
जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी भारत यात्रा के दौरान खालिस्तानी उग्रवाद के बारे में बोलते हुए ट्रूडो ने कहा था- कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
इस बीच, भारत सरकार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कनाडा सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमने कनाडा के प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेशमंत्री के बयान को देखा है और हम उसे खारिज करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता के आरोप बेतुके हैं। मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री पर भी लगाए थे, जिन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया।
इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय प्रदान किया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनीतिक हस्तियों का ऐसे तत्वों के प्रति खुले तौर पर सहानुभूति व्यक्त करना गहरी चिंता का विषय बना हुआ है।
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