What is NomoPhobia : सुबह उठते ही सबसे पहले तकिये के बगल से मोबाइल उठाने की आदत तो आज हर दूसरे इंसान को हो गई है। मोबाइल न मिलने पर घबरा जाना, अचानक से उठ कर तकिये बेडशीट को उलट पुलट कर देना। या मोबाइल डिस्चार्ज होने पर एग्जाइटी सा आने लगना। अगर आपको भी कुछ ऐसे होता है, तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ लिजिये। क्योंकि आपको है एक बीमारी। दरअसल हाल ही में ओप्पो और काउंटरप्वाइंट रिसर्च ने एक रिपोर्ट शेयर की है, जो हैरान कर देने वाला है। वो ये कि भारत में हर 4 में से 3 लोगों को नोमोफोबिया (NomoPhobia) की बीमारी है।
रिसर्च में ये दावा किया गया है कि लगभग 72% भारतीय ऐसे हैं जिन्हें मोबाइल फोन की बैटरी 20% पर पहुंचते ही ‘लो बैटरी एंजाइटी’ आने लगती है। 65% लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इसके चलते इमोशनल डिस्कम्फर्ट जैसे कि टेंशन, डिस्कनेक्ट, असहाय सा महसूस करना, घबराहट जैसा होने लगता है। अदक आपको भी ऐसा ही महसूस होता है तो आप भी NOMOPHOBIA बीमारी के शिकार हैं।
रिपोर्ट में हिला देने वाले दावे
स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Oppo और काउंटरपॉइंट रिसर्च ने कुछ लोगों पर एक स्टडी की थी, जिसका नाम NoMoPhobia (No Mobilephone Phobia) रखा गया। स्टडी में पाया गया कि 87 परसेंट लोग ऐसे हैं जो अपने मोबाइल फोन को चार्ज में लगाए हुए भी यूज करते रहते हैं।
47% लोग ऐसे हैं, जो अपने स्मार्टफोन को दिन भर में 2 बार चार्ज करते हैं। रिपोर्ट में पाया गया कि 74% महिलाएं ऐसी हैं जो मोबाइल फोन की बैटरी खत्म होने पर टेंश में आ जाती हैं। इसमें पुरुष तो महिलाओं से भी आगे हैं। पुरुषों का आंकड़ा इसमें 82 परसेंट है।
रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि लगभग 60% लोग ऐसे हैं जो बैटरी परफॉरमेंस अच्छी न होने पर अपना फोन ही बदल लेते हैं। वहीं, 92.5 परसेंट लोग बैटरी को लंबे समय तक चलाने के लिए फोन में Powe Saving Mode को ऑन रखते हैं।
क्या है नोमोफोबिया । What is NoMoPhobia
नोमोफोबिया (NoMoPhobia) यानि नो मोबाइल फोन फोबिया (No Mobile Phone Phobia) एक ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें किसी व्यक्ति को अपने स्मार्टफोन से दूर रहने पर घबराहट होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि वो शख्स स्मार्टफोन यूज करने का आदि हो चुका होता है।
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