क्या है ISRO के XPoSat सेटेलाइट का असली मकसद ?

Image - X (@isro)

ISRO ने नए साल पर देश के पहले XPoSat (एक्स-रे पोलारिमीटर सेटेलाइट) मिशन को श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है.

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XPoSat एक्स-रे स्रोत का पता लगाने और 'ब्लैक होल' की रहस्यमयी दुनिया का रिसर्च करने में मदद करेगा.

XPoSat मिशन करीब 5 साल का होगा.

यह सेटेलाइनट X किरणों का रिसर्च करके ब्लैकहोल और न्यूट्रॉन तारे की जानकारी जुटाएगा.

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इसके साथ ही ये अंतरिक्ष के 50 सबसे चमकीले स्त्रोतों का अध्ययन भी करेगा.

इस सेटेलाइट को 500-700 km की पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा.

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ISRO ने अप्रैल 2023 में PSLV-C55 मिशन में पीओईएम-2 का इस्तेमाल करके इसी तरह का सफल प्रयोग किया था.

ISRO के अलावा NASA ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों का ऐसा अध्ययन किया था.

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NASA और ISRO की 1.2 अरब डॉलर के प्रोज्क्ट 'निसार' उपग्रह का प्रक्षेपण भी होगा। यह जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए पृथ्वी की तस्वीर लेने वाला सबसे महंगा उपग्रह होगा.