The Indian Village Of Millionaires : इंडिया के अलग अलग हिस्सों में उससे जुड़े कई फैक्ट आपने सुने और पढ़े होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, इंडिया में एक ऐसा गांव है, जिसे करोड़पतियों का गांव बुलाया जाता है। इस गांव को बुलाया जाता है, The Indian Village Of Millionaires, इस गांव का नाम है हिवरे बाजार, जो महाराष्ट्र के अमहमदनगर जिले में स्थित है और यहां रहने वाले 50 से ज्यादा लोग करोड़पति हैं। सबसे मजेदार बात तो ये है कि ये गांव हमेशा से ऐसा नहीं होता था। एक समय था जब इस गांव में सूखा पड़ा रहता था। यहां पानी का अकाल पड़ा रहता था। इस गांव को पूरी तरह बदलने का क्रेडिट सिर्फ एक आदमी को जाता है, जिनका नाम है पोपटराव पवार। जिन्हें पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। आइये जानते हैं कौन है पोपटराव पवार और उन्होंने कैसे इस गांव को बना दिया कोरड़पतियों का गांव।
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कौन हैं पोपटराव पवार
पोपटराव पवार 1989 में पंचायत इलेक्शन में खड़े हुए थें। उन्होंने इलेक्शन जीता और डेवलप्मेंट यानी विकास के नाम पर इस गांव में चमतकार कर के दिखा दिया। सबसे पहले पोपटराव ने स्कूलों को अपग्रेड किया, ताकि बच्चों को अच्छी और बेहतर शिक्षा मिल सके। फिर पोपटराव ने वाटर स्टोरेज पर अपना पूरा फोकस किया। गांव में ट्यूबवेल्स पर बैन लगा दिया ताकि लोग ग्राउंडवाटर को बर्बाद न कर सकें।
वाटर स्टोरेज, और एफॉरेस्टेशन पर किया फोकस
गांव के किसानों के शिक्षा और जानकारी दी कि किस तरह से फसलों को उगाना चाहिये, जिसमें ज्यादा पानी की जरुरत न हो और न पानी बर्बाद हो सके। इसके बाद गांव में पेड़ों की कटाई पर बैन लगाया गया और गांव में 10 लाख से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए गए। आज के दिन सिर्फ 3 परिवार ऐसे हैं जो हिवरे बाजार गांव में गरीब हैं, यानी ‘below poverty line’ हैं।
सभी करोड़पति कोई बड़े बिजनसमैन नहीं बल्की किसान हैं
गांव के सरपंच बताते हैं, कि पिछले 15 वर्षों में लोगों की औसत आय 20 गुना हो गई है। इस गांव में केवल 3 ऐसे परिवार हैं। जो गरीबी रेखा से नीचे हैं, जिनकी सालाना आय 10 हजार से भी कम है। 50 से ज्यादा लोग करोड़पति हैं, और ये सभी करोड़पति कोई बड़े बिजनसमैन नहीं बल्की किसान हैं।
गांव में पानी के जलस्तर को बढ़ाने के लिए साल 1990 में एक कमेटी ‘ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी’ बनाई गई। इसके तहत गांव में कुंए खोदने और पेड़ लगाने का काम श्रमदान के जरिए शुरू किया गया। इस काम में, महाराष्ट्र एम्प्लायमेंट गारंटी स्कीम के तहत फंड मिला, जिससे काफी मदद मिली।
पीएम मोदी ने भी मन की बात में की थी हिवरे बाजार गांव की तारीफ
1994-95 में सरकार ने ‘आदर्श ग्राम योजना’ शुरू की, जिसने इस कार्य को तेजी दे दी। आज इस गांव में 340 कुंए हैं और पानी का स्तर भी काफी बढ़ गया है। गांव को बचाने के लिए यशवंत एग्री वाटर शेड डेवलपर्स NGO के साथ मिलकर पांच साल का प्लान बनाया गया था। इसके तहत गांव में कुंए खोदे जाने थे, और पेड़ लगाने थें। गांव को 100 फीसदी शौचालय वाले गांव में शुमार करना था। सरपंच की मेहतन और उनके लगन को देख गांव को लोग इस मुहीम से जुड़ने लगे और पांच साल का प्लान दो साल में ही पूरा हो गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात में इस गांव की तारीफ करते हुए पानी की अहमियत को बताया था।