Bhoot Puja : भारत के हर राज्य की अपनी एक अलग पहचान है। हर गांव हर समाज के अपने अलग रीति-रिवाज होते हैं। जो खुद में अनोखे होते हैं। पर क्या आप जानते हैं, भारत में ही एक ऐसा गांव है जहां, भगवान नहीं बल्की भूत पूजा की जाती है। जी हां, सी पढ़ा। भूत पूजा (Bhoot Puja), इस दिन गांव के लोग सिर कटी मूर्ती बनाते हैं, उसे सजाते हैं। बकायदा पूरे गांव में भव्य मेला लगता है। लोग भूत से प्रार्थना करते हैं और मन्नत मांगते हैं। चलिए जानते हैं, कहां पर होती है ये अनोखी पूजा।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के गांव नादिया के फुलिया तालतला में हर साल भूत पूजा (Bhoot Puja) का आयोजन होता है। लोग दूर दूर से यहां भूत पूजा देखने आते हैं। यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार, भूत पूजा चैत्र मास के शुरू होने पर मनाया जाता है। आस पास के क्षेत्र शांतिपूर, रानाघाट, हबीबपुर और फुलिया से काफी संख्या में लोग भूत पूजा के लिए आते हैं। मिट्टी से सिर कटई एक प्रतिमा बनाते हैं। लाल रंग से भूत की प्रतिमा के पैर और हाथों को सजाते हैं। सूरज ढलने के बाद लोग एक जगह इकट्ठा होकर भोजन पकाकर खाते हैं।
कब और कैसे हुई शुरुआत
स्थानीय लोगों की और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूत पूजा (Bhoot Puja) की शुरुआत पांचवीं सदी में एक यादव सन्यासी ने की थी। ये पूजा पहले बांग्लादेश में होती थी, पर बंटवारे के बाद 1950 और 1952 के बीच पूर्वी पाकिस्तान से बहुत से लोग इस जगह आकर बस गए और यहां भी भूत पूजा का आयोजन होने लगा।
क्यों होती है भूत पूजा
सबसे हैरत की बात तो ये है कि यहां किसी को इस पूजा (Bhoot Puja) के होने का मुख्य कारण पता ही नहीं। यानी ये पूजा होती क्यों है ये किसी को नहीं पता। स्थानीय लोग ‘भूत पूजा’ को शिव की पूजा जैसा मानकर ही करते हैं। लोगों का मानना है कि बांग्ला नववर्ष के शुरुआत में इस पूजा का आयोजन करने से बुरे खयाल नहीं आते और ऊर्जा के साथ नए कार्यों को करने से सब शुभ होता है। आज भी लोग दूर दूर से यहां आते हैं, ताकि उनकी मनोकामना पूरी हो जाए।
Follow our page on Facebook, Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Articles.