Tomato Stolen : टमाटर के दाम ने ऐसा आसमान छुआ की कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। 120-140 रुपये किलो तक मिल रहे टमाटर को कोई बाउंसर लगाकर बेच रहा है तो किसी ने अपने दुकान पर बोर्ड लगवा कर बकायदा लिख दिया है- टमाटर को छुए न दूर से ही देखें। अब इन सब खबरों के बीच उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से एक और खबर सामने आई वो ये कि कुछ चोरों ने यहां सोना-चांदी छोड़ सब्जी की दो दुकानों से 25 किलो टमाटर (Tomato Stolen) ही चुरा लिया। साथ में 25 किलो मिर्च और 8 किलो अदरक भी ले गए।
पुलिस के मुताबिक घटना 10 जुलाई सोमवार की है। दोनों दुकान मालिक रामजी और नईम खां रात को अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए। अगली सुबह जब उन्होंने अपनी दुकानें खोलीं तो पाया कि बड़ी मात्रा में टमाटर, अदरक और मिर्च (Tomato Stolen) गायब हैं। दोनों ने गुरुवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कामता प्रसाद और मोहम्मद इस्लाम नाम के दो लोगों के खिलाफ IPC की धारा 379 के तहत मामला दर्ज किया गया।
अखिलेश यादव ने क्या कहा
25 किलो टमाटर चोरी का मामला (Tomato Stolen) जब वायरल हुआ तो समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य पुलिस पर कटाक्ष किया और अपने ट्विटर पोस्ट पर लिखा- स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का नाम बदलकर “स्पेशल टमाटर फोर्स” कर देना चाहिए।
बाउंसर लगाकर बेच रहे थे टमाटर
बता दें कि इससे पहले भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक सब्जी विक्रेता टमाटर की सुरक्षा में बाउंसर लगा दिए थें। मामला सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ। पुलिस ने जब एक्शन लिया तो पता चला कि सपा नेता ने टमाटर के दामों में हुए उछाल का विरोध करने के लिए ऐसा किया था। मामले में सब्जी विक्रेता उसके बेटे समेत कई लोगों पर केज दर्ज किया गया।
अखिलेश यादव ने टमाटर की सुरक्षा में लगे बाउंसर वाला वीडियो शेयर कर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की थी।
आलू-प्याज के दाम बढ़े तो 6 परसेंट तक जा सकी है महंगाई दर
टमाटर के साथ अगर आलू और प्याज के दाम में भी बढ़ोत्तरी होती है तो चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में खुदरा महंगाई दर 6 परसेंट तक पहुंच सकती है। यह आशंका SBI ईकोरैप की रिपोर्ट में जाहिर की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, टमाटर के दाम में बढ़ोत्री को अगर आलू प्याज का साथ नहीं मिला तो दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.8 परसेंट के आस पास रह सकती है।
पिछले 10 सालों के आंकड़ों (statistics) से पता चलता है कि सिर्फ टमाटर की कीमतों में तेजी से महंगाई दर पर खास फर्क नहीं पड़ता है। आलू-प्याज, टमाटर की कीमत फुड आइटम्स की महंगाई दर को प्रभावित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इस साल जून की खुदरा महंगाई दर (retail inflation) 4.81 परसेंट दर्ज की गई जबकि मई में यह दर 4.31 परसेंट थी।
रिपोर्ट के अनुसार, टमाटर की कीमत मौसमी रूप से उसके उत्पादन पर निर्भर करती है। देश के ज्यादातर हिस्से में बाढ़ और बारिश के चलते टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। टमाटर का 70 परसेंट उत्पादन रबी सीजन यानी अक्टूबर-नवंबर से लेकर मार्च-अप्रैल के बीच होता है, जबकि खरीफ सीजन के दौरान सिर्फ 30 परसेंट टमाटर का उत्पादन होता है।
बढ़ रही है दाल की कीमत
इस वजह से जुलाई से लेकर नवंबर तक टमाटर की आपूर्ति पर दबाव रहता है। जुलाई में हर साल टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दाल की कीमत बढ़ रही है और अगले 6-7 महीने दाल की कीमत अपने उच्चस्तर पर होगी। गत जून में दाल की खुदरा कीमतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10 परसेंट से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सरकार ने दाल की कीमत पर कंट्रोल के लिए स्टॉक लिमिट को लागू कर दिया है। तुअर दाल को बफर स्टॉक से बाजार में भेजने की भी तैयारी है।
खाद्य उत्पादन पर होगा असर
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 12 जुलाई तक मानसून की बारिश सामान्य से 2 परसेंट अधिक रही, पर दक्षिण के राज्यों में बारिश सामान्य से 23 परसेंट कम तो उत्तर-पश्चिम में सामान्य से 59 परसेंट अधिक बारिश हुई है। कहीं अधिक तो कहीं कम बारिश से फुड आइटम्स पर कम असर होगा, क्योंकि भारत के 5 राज्य 50 परसेंट फूड ग्रेन्स का प्रोडक्शन करते हैं और उन राज्यों में नॉर्मल बारिश हुई है।
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