Jupiter Will be closest to Earth in 70 years : इस महीने सोलर सिस्टम में 70 साल बाद एक अद्भुत घटना होने जा रही है। सोलर सिस्टम यानी सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह (Planet) बृहस्पति (Jupiter) 26 सितंबर को पृथ्वी के सबसे नज़दीक आने जा रहा है। NASA ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में इसकी जानकारी दी है। ज्यूपिटर के लिए कहा गया है कि यह हर 13 महीने में सूरज (Sun) के उल्टी दिशा में आता है। इसके कारण यह ग्रह और ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखता है। लेकिन, इस बार घटना अलग है, क्योंकि ज्यूपिटर न सिर्फ उल्टी दिशा में होगा बल्कि यह पृथ्वी के सबसे नज़दीक भी होगा, जो कि 70 साल के बाद होने जा रहा है।
NASA ने अपने ब्लॉग पोस्ट में ये भी कहा है कि बृहस्पति (Jupiter) का उल्टी दिशा में होना और धरती के सबसे करीब होना, दोनों घटनाएं एक साथ नहीं हो सकती हैं। क्योंकि पृथ्वी और ज्यूपिटर दोनों ही ग्रह इस तरह से ऑर्बिट में घूमते हैं कि ये दोनों घटनाएं एक साथ नहीं हो पाती हैं।
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58.7 करोड़ किलोमीटर दूर होगा Jupiter
अबकी बार, जब बृहस्पति (Jupiter) पृथ्वी के सबसे करीब होगा, उस वक्त धरती और ज्यूपिटर के बीच की दूरी 36.5 करोड़ मील यानी कि लगभग 58.7 करोड़ किलोमीटर होगी। पृथ्वी और ज्यूपिटर दोनों के बीच की सबसे अधिक दूरी को देखा जाए तो ज्यूपिटर पृथ्वी से लगभग 96.5 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरता है।
रात के वक्त आसमान में Jupiter को कैसे देखें
NASA के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर (Marshall Space Flight Center) के एक रिसर्चर एस्ट्रोफिजिसिस्ट एडम कोबेल्स्किी (Adam Kobelski) का कहना है कि अच्छी दूरबीन के साथ इसकी बैंडिंग (कम से कम सेंट्रल बैंड) और तीन या चार गैलीलियन सैटेलाइट दिखाई देने चाहिेए। एस्ट्रोफिजिसिस्ट ने एडवाइस दी है कि, ज्यूपिटर के ग्रेट रेड स्पॉट और बैंड को अधिक विस्तार से देखने के लिए 4 इंच या उससे बड़े टेलीस्कोप और हरे से नीले रंग के कुछ फिल्टर का उपयोग कर सकते हैं।
Jupiter के पास है 53 चंद्रमा
ज्यूपिटर के बारे में कहा जाता है कि इसके पास 53 चंद्रमा (Moon) हैं, लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके कुल 79 चंद्रमाओं को खोजा जा चुका है। इसके सबसे बड़े चार चंद्रमाओं Io, Europa, Ganymede और Callisto को गैलीलियन सैटेलाइट कहा जाता है। Galileo Galilei ने इन्हें सबसे पहले 1610 में इनका निरीक्षण किया था, उसके बाद से ही इन्हें गैलीलियन सैटेलाइट कहा जाता है।