No Screen Time For Children Under 2 : स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल या टीवी की स्क्रीन्स के सामने ज्यादा देर तक बैठे रहने से टीनेजर्स डिप्रेशन अनिद्रा जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. गैजेट्स और टेलीवीजन से हो रही इन परेशानियों को देखते हुए स्वीडन सरकार ने एक कड़ा फैसला लिया है. स्वीडन में अब माता-पिता अपने दो साल से कम उम्र के बच्चों के हाथ में मोबाइल-लैपटॉप नहीं दे सकेंगे. यहां तक कि उसे व्यस्त रखने के लिए टीवी भी नहीं दिखा सकेंगे. सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया है.
Sweden No Screen Time For Children Under 2
स्वीडन सरकार की ओर से जारी परामर्श में कहा गया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को टीवी-मोबाइल फोन समेत किसी भी स्क्रीन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. दो से पांच साल तक के बच्चे दिन में अधिकतम एक घंटा, 6 से 12 साल तक के बच्चे 2 घंटे स्क्रीन (No Screen Time For Children Under 2) का इस्तेमाल कर सकते हैं.
किशोर-किशोरियों को दिनभर में 3 घंटे ही स्क्रीन के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए. रिसर्च से पता चला है कि स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल के कारण बच्चों-किशोरों में नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो रही हैं, अवसाद के मामले बढ़ रहे हैं. सरकार ने कहा, अभिभावकों को सोचना चाहिए कि वो बच्चों को स्क्रीन से कैसे दूर रखें.
सामाजिक मामलों के मंत्री जैकब फोर्समेड ने कहा कि लंबे समय तक स्क्रीन और ऐप्स का इस्तेमाल कर हमने इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को हमारा कीमती समय चुराने की अनुमति दी है. स्क्रीन के इस्तेमाल से बच्चों की आंखें सीधे प्रभावित होने से जल्दी चश्मा लगने, आंखों में जलन और सूखापन, थकान जैसी दिक्कतें सामने आती हैं. वह सामाजिक और शारीरिक तौर पर विकसित होने में समय लेते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक किस तरह रुकेगा मोबाइल का इस्तेमाल
- अपने बच्चों को खेलों के प्रति जागरुकता पैदा करें
- अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं
- बच्चों को खिलौने व ऐसी चीजें दें, जिनसे बच्चों के अंदर जागरुकता पैदा हो
- बच्चों को आउटडोर गेम्स जैसी गतिविधियों में शामिल करें, जिससे समय का बेहतर इस्तेमाल हो
- कम उम्र में मनोरंजक खेल, गतिविधियों के लिए मोटिवेट करें