Supreme Court 6 Decisions : साल 2023 का आज आखिरी दिन है। तो चलिए इस साल को अलविदा कहने से पहले इस साल सुप्रीम कोर्ट के ऐसे बड़े फैसलों के बारे में भी जान लेते हैं, जिसका पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा। सुप्रीम कोर्ट ने उनपर न सिर्फ टिप्पणी की बल्कि फाइनल मुहर भी लगा दी। इस साल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court 6 Decisions) ने कई अहम फैसले लिए जिसमें से 6 सबसे बड़े फैसले (Supreme Court 6 Decisions) साबित हुए और पूरे देश में चर्चा में रहे।
Supreme Court 6 big decisions in 2023
आर्टिकल 370
सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2023 को आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर से हटने के फैसले को सही करार दिया। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के आदेश दिए, साथ ही सरकार से सत्य और सुलह कमीशन बनाने को कहा।
राहुल गांधी की सांसदी बहाली
13अप्रैल 2019 को कर्नाटकके कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर एक टिप्पणी की। राहुल के खिलाफ केस दर्ज हुआ। 23 मार्च 2023 को सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई उनकी सांसदी चली गई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी और उनकी सांसदी बहाल हुई।
सेम सेक्स मैरिज
6 जनवरी 2023 को सेम सेक्स मैरिज की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर लिया गया। 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने 10 दिन की सुनवाई के बाद सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से इन्कार कर दिया। इस बैच में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ भी शामिल रहे।
जल्लीकट्टू फेस्टिवल
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी दौड़ जैसे फेस्टिवल पर बैन लगाया। तमिलनाडु सरकार ने कानून बनाकर फिर इसे पलट दिया। फिर मामला 5 जजों की संविधान पीठ के पास पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब विधानसभा ने यह घोषित कर दिया कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत है। तब हम उससे अलग नजरिया नहीं रख सकते है. कोर्ट के फैसले के बाद जल्लीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की इजाजत देने वाले कानूनों की संवैधानिकता पर मंजूरी मिल गई।
चुनाव आयोग की नियुक्ति
भारत में चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रेसिडेंट करते थे। 2018 में चुनाव आयोग के काम काज में पारदर्शिता को लेकर याचिकाएं दायर हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को क्लब करके केएम जोसेफ की अध्यक्षता में बनी 5 जजों की संवैधानिक पीठ को भेज दिया। सरकार तुरंत बिल लेकर आई और इसे दोनों सदनों में पारित कर लिया गया। नए कानून के अनुसार, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रेसिडेंट की ओर से एक सिलेक्शन कमेटी की सिफारिश पर होगा।
डीमॉनेटाइजेशन की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी
8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे PM मोदी ने देश के नाम संदेश में आधी रात से 500 और 1 हजार रुपए के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था। इस फैसले के खिलाफ देश के अलग-अलग हाई कोर्ट्स में 58 याचिकाएं दाखिल हुई। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई का फैसला (Supreme Court 6 Decisions) किया – दलील दी गई कि केंद्र सरकार खुद ऐसा फैसला नहीं ले सकती। इसके लिए RBI के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश जरूरी है। सरकार ने बोला कि यह आर्थिक नीति का हिस्सा था।
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