Space Update : साइंटिस्ट्स लगातार दूसरी दुनिया यानी अंतरिक्ष में अपने नए-नए रिसर्च कर रहे हैं। आइये इनशॉर्ट्स में जानते हैं, NASA और European Space Agency अब कौन सी तैयारी में हैं। पहले तो बता दें, यूरोपीय स्पेस एजेंसी जल्द ही एक दिव्यांग (para astronaut) को अंतरिक्ष में भेजेगी। वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के James Webb Telescope ने फिर एकबार दूसरी दुनिया के वायुमंडलीय रहस्यों के बारे में पता लगाया है।
पैरालिंपिक धावक जॉन मैकफॉल जाएंगे स्पेस में
1st Space Update, ये है कि पहली बार स्पेस में दिव्यांग को भेजने की तो, योरोपीय स्पेस एंजेसी (European Space Agency) दिव्यांग अंतरिक्ष यात्री के तौर पर 22 यूरोपीय देशों की स्पेस एजेंसी ने बुधवार को ब्रिटेन के पैरालिंपिक धावक जॉन मैकफॉल का नाम तय किया है। अंतरीक्ष यात्रियों की नई पीढ़ी के तौर पर 17 रंगरूटों का सेलेक्शन किया गया है। एजेंसी में नए स्पेस यात्रियों की करीब एक दशक बाद भर्ती प्रक्रिया शुरु हुई है। इस में करीब 22 हजार लोगों ने आवेदन किया था।
मैककॉल का 19 साल की उम्र में एक मोटरसाइकिल एक्सिडेंट में राइट लेग टूट गया था। उन्होंने 2008 में बीजिंग पैरालिंम्पिक खेलों में 100 मीटर दौड़ में कांस्य जीता था। 2008 में बीजिंग पैरालिंम्पिक खेलों में 100 मीटर का कांस्य पदक। 31 साल के मैकफॉल पेशे से डॉक्टर हैं।
वेब ने दूसरी दुनिया के वायुमंडलीय रहस्यों से पर्दा उठाया
वहीं, बात करें Space Update से जुड़ी दूसरी बड़ी खबर की तो NASA के जेम्स वेब ने दूसरी दुनिया के वायुमंडलीय रहस्यों से पर्दा उठाया है। इससे पहले वेब, हबल व स्पिटज़र टेलीक्सोपों ने ग्रह के वातावरण के बारे में अलग अलग सुचनाएं दी थीं, लेकिन नए वेब ने वहां के परमाणुओं, अणुओं, सक्रिय रसायनों और बादलों के संकेतों से जुड़ी इन्फॉर्मेशन दी है। जेम्स वेब की मदद से देखे गए इस ग्रह का नाम डब्ल्यूएएसपी-39बी (WASP-39B) है, जो सैटर्न के द्रव्यमान (Mass) के बराबर है और 700 लाइट इयर्स दूर एक तारे की परिक्रमा कर रहा है।
यूनिर्वसिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एस्ट्रोनॉमर नताली बटाला के अनुसार, हमने एक्सोप्लैनेट को कई उपकरणों के साथ देखा। इसमें हमे इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम के साथ साथ कई रसायनों की निशानियां मिली, जिसके बारे में अभी तक नहीं पता था। सौरमंडल के बाहर किसी तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रह को एक्सोप्लैनेट कहा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया जानकारियां यह भी बताती है कि किस तरह ये बादल बहुत करीब दिखाई देते हैं और अलग अलग के बजाय ग्रह को ढके हुए मालूम पड़ते हैं।
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