Sir Ranjit Singhji Vibhaji Jadeja : भारत में क्रिकेट को लेकर अपना अलग ही फैन बेस है। दीवानगी और क्रेज इतना कि उसे लफ्जों में बयान ही नहीं किया जा सकता। भारत में एक ऐसा ही एक क्रिकेट टूर्नामेंट है रणजी ट्रॉफी। 10 सितंबर यानी आज के दिन से रणजी ट्रॉफी का एक गहरा कनेक्शन है। आइये जानते हैं इसके पीछे का कनेक्शन और किस महाराज के नाम पर शुरु हुई भारत में रणजी ट्रॉफी, वो इंटरनेशनल क्रिकेटर वो महाराज, जिसने भारत में क्रिकेट को एक नया आयाम दिया।
क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी भारत के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर महाराज रणजीत सिंहजी विभाजी जडेजा (Sir Ranjit Singhji Vibhaji Jadeja) के नाम पर साल 1934 में शुरु हुआ था। रणजीत सिंह कैंब्रिज यूनिवरसिटी की ओर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट और सक्सेस की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलते थें। इसके अलावा, रणजीत सिंह इंग्लिश क्रिकेट टीम की तरफ से टेस्ट मैच खेला करते थें। वे लोगों में रणजी नाम से मशहूर थें।
रणजी ट्रॉफी का 10 सिंतबर से कनेक्शन
भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रणजीत सिंह विभाजी जडेजा (Sir Ranjit Singhji Vibhaji Jadeja) का जन्म 10 सितंबर 1872 को सदोदर, काठियावाड़ में हुआ था। रणजीत सिंह को बचपन से ही क्रिकेट में काफी इंट्रेस्ट था। 1883 में 11 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार स्कूल क्रिकेट खेला था और अगले ही साल वह स्कूल क्रिकेट टीम के कैप्टन बन गए थे।
16 जुलाई 1896 को सर रणजीत सिंहजी की ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था, जिसमें पहली पारी में उन्होंने 62 रान बनाए। दूसरे दिन के अंत में रणजीत सिंहजी 42 रन पर नाबाद रहे थे। अंतिम दिन, उन्होंने लंच के पहले तक 113 रन बनाए और ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अपना पहला शतक जड़ा, रणजीत सिंहजी इस मैच में 154 पर नाबाद रहे। महाराज रणजीत सिंहजी ने अपना अंतिम टेस्ट 24 जुलाई 1902 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
कब से शुरु हुई रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट
रणजी ट्रॉफ़ी का पहला टूर्नामेंट 1934-35 में हुआ था। इसका पहला मैच उस वक्त मद्रास के चेपॉक ग्राउंड में और मैसूर के बीच हुआ था। पहले ही टूर्नामेंट में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने ट्रॉफ़ी डोनेट कर दी थी। वर्तमान में देशभर से कुल 38 टीमें रणजी ट्रॉफ़ी को जीतने के लिए मैदान पर उतरती हैं।
Sir Ranjit Singhji Vibhaji Jadeja के क्रिकेट रिकॉर्ड्स
सर रणजीत सिंहजी विभाजी जडेजा (Sir Ranjit Singhji Vibhaji Jadeja) एक बेहतरीन बल्लेबाज थें, और उन्होंने कई रिकॉर्ड भी बनाए थे। 1896 में, क्रिकेट मैच में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए, उन्हें विस्डेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर की ओर से साल 1897 के लिए नॉमिनेट किया गया था।
रणजीत सिंहजी ने अपने क्रिकेट कैरियर में 15 टेस्ट मैच और 307 फ़र्स्ट क्लास मैच खेले थे। टेस्ट मैचों में उनका टॉप स्कोर 175 और फ़र्स्ट क्लास मैचों में नाबाद 285 रन था।
रणजीत सिंहजी ने अपने पूरे टेस्ट करियर में 989 रन और फ़र्स्ट क्लास करियर में 24,692 रन बनाए थे। इसके अलावा टेस्ट करियर में रणजी के नाम 2 शतक और 6 अर्धशतक है।
रणजीत सिंहजी विभाजी जडेजा 1907 में महाराजा जाम साहब नवानगर बने थे। क्रिकेट के अलावा रणजीत सिंह विभाजी राजाओं के समूह ‘नरेश मंडल’ के चांसलर भी थें। इसके अलावा उन्होंने लीग ऑफ नेशन में भारत का भी प्रतिनिधित्व भी किया था।
2 अप्रैल 1933 को 60 साल की उम्र में महाराज रणजीत सिंहजी विभाजी जडेजा का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद, भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने 1934 में रणजी ट्रॉफी की शुरुआत की।
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