Roopchand : बिहार में जाति आधारित गणना चल रही है। इस दौरान अरवल और रोहतास जिले से 1 ऐसी खबर सामने आई, जिसने बिहार के साथ-साथ दिल्ली तक को हिला दिया। जनगणना के दौरान इन दोनों वार्डों की 53 औरतों ने अपने पति का नाम रूपचंद (Roopchand) बताया। सबके आधार कार्ड पर पति, बेटे और पिता की नाम की जगह रूपचंद लिखा था। जनगणना करने पहुंचे लोगों का सिर चकरा गया कि एक ही आदमी इतनी औरतों का पति कैसे। रूपचंद की तलाश शुरु हुई।
दरअसल, बिहार के अरवल नगर परिषद के वार्ड नंबर 7 में नर्तकियां (नाच-गाना करने वाली महिलाएं) रहती हैं। यहां की 23 महिलाओं और रोहतास जिले के बिक्रमगंज नगर परिषद के वार्ड नंबर 10 की 30 महिलाओं के आधार कार्ड में पति कि जगह एक ही नाम रूपचंद (Roopchand) लिखा है। जातीय जनगणना के दौरान कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। जब कर्मचारियों ने देखा कि इन सभी औरतों के पति, बेटे और कुछ के पिता की नाम की जगह पर एक ही नाम रूपचंद लिखा है तो सोच में पड़ गए।
पता लगाया गया कौन है रूपचंद
फिर रूपचंद की तलाश शुरु की गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि रूपचंद (Roopchand) नाम का कोई व्यक्ति का अस्तित्व ही नहीं है। इस इलाके के लोग रुपये को रूपचंद कहते हैं। रूपचंद के नाम से इन दोनों वार्डों में 53 परिवार सालों से गुजर बसर कर रहे हैं। इन परिवारों में सौ से ज्यादा बच्चे-बच्चियां हैं।
रुपचंद की जाति आधार कार्ड में नट दर्शाई गई है। इस आदार पर गणना में इन परिवारों को 97 नंबर कोड दिया गया, जो नट जाति के लिए निर्धारित है। रुपचंद के बारे में पूछने पर महिलाओं ने बताया कि जो हमें रूपये-पैसे देता है वही पति है और इन बच्चों का पिता है। मतलब यहां के लोगों ने रूपचंद यानी पैसे को ही अपना सब कुछ मान लिया है। इसिलए इतनी सारी औरतों के आधार कार्ड पर पति की जगह पर रूपचंद का नाम है।
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