Aditya-L1 : आदित्य-एल1, जिसे 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया जाएगा, भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन है। आदित्य-एल 1 की लॉन्चिंग के साक्षी आप भी बन सकते हैं। ISRO ने देश के पहले सूर्य मिशन Aditya-L1 की लॉन्चिंग देखने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है। अगर आप श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी स लॉन्चिंग देखना चाहते हैं तो आपको एक सिंपल सा रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन की शुरुआत जल्दी ही की जाएगी।
ISRO ने इसके लिए लिंक https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp भी जारी किया है। इस लिंक पर जाकर आपको अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा।
स्वदेशी है Aditya-L1
ISRO के अधिकारी ने बताया कि Aditya-L1 राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाला पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है। बेंगलुरु के इंडियान इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड को बनाया है।

Image Source – X (@isro)
वहीं इटर यूनिवर्सिटी संटर फॉर एस्ट्रोनामी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे ने सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजर पेलोड विकसित किया है। ISRO के अनुसार, वीईएलसी पता लगाने के लिए डाटा जुटाएगा कि कोरोना का तापमान लगभग दस लाख डिग्री तक कैसे पहुंच सकता है जबकि सूर्य की सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा अधिक रहता है।
UV पेलोड कोरोना और सौर क्रोमोस्फेयर का रिसर्च करेगा। एक्स-रे पेलोड सौर लहरों का रिसर्च करेगा। पार्टिकल डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर पेलोड आवेशित कणों व एल 1 के चारों ओर कक्षा तक पहुंचने वाले चुंबकीय के बारे में जानकारियां जुटाएगा।
एल-1 के पास यह होगा फायदा
ISRO ने कहा कि एल-1 बिंदु के आसपास कक्षा में रखे गए सेटेलाइट से सूर्य को बिना किसी छाया/ग्रहण के लगातार देखा जा सकेगा। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखा जा सकेगा। एल-1 का इस्तेमाल करते हुए चार पेलोड सीधे सूर्य की ओर होंगे। बचे 3 पेलोड एल-1 पर ही क्षेत्रों का रिसर्च करेगा।
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