Excessive Burping : खाने-पीने के बाद डकार आना एक नॉर्मल प्रक्रिया है। यह किसी को भी और कभी भी आ सकती है। यह शरीर की अतिरिक्त हवा बाहर निकालने का तरीका है, जो खाने या पीने के दौरान मुंह से पेट या इसोफेगस तक चली जाती है। पर आपको दिन भर या अधिक डकार (Excessive Burping) आती है, तो भी इसे नजरअंदाज न करें। अपने डॉक्टर से परामर्श जरू लें, और अधिक डकार आने के कारण को जानें ।
क्या है डकार लेने का कारण
Reasons for Excessive Burping
- हवा का फंस जाना : खाने, पीने या बात करते समय कई बार हवा पेट में चली जाती है। जल्दी-जल्दी से खाना खाना, स्ट्रॉ का उपयोग करना, चिंगम चबाना या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स आदि इसके कारण बन सकते हैं। मूली, गोभी, मटर, ग्वार फली, प्याज, केला, फ्रेंच बीन्स, दालें और राजमा खाने के बाद भी ऐसा होता है।
- गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज : GERD तब होता है, जब गला और पेट के बीच की मांसपेशी नीचे गले के पास मौजूद स्फिक्टर कमजोर हो जाता है। इससे एसिड वापस ऊपर आ जाता है। ऐसे में डकार आने पर, सीने में जलन व उल्टी के लक्षण भी होते हैं।
- गैस्ट्राइटिस : गैस्ट्राइटिस पेट की लाइनिंग की सूजन है। यह बैक्टीरियल संक्रमण, ज्यादा शराब पीने, दवाओं के अधिक इस्तेमाल या तनाव के कारण भी हो सकता है। पेट में सूजन ज्यादा डकार लेने को उकसा सकती है।
- पेप्टिक अल्सर : पेप्टिक अल्सर पेट, छोटी आंत या गले की लाइनिंग पर खुले घाव होते हैं। ये बैक्टीरियल संक्रमण या दवाएं लंबे समय तक लेने से होते हैं। इससे एसिड अधिक (Excessive Burping) बनता है और डकारें आ सकती हैं।
- बेचैनी और तनाव : तनाव पाचन प्रक्रिया को बदलकर पाचन तंत्र की मांसपेशियों के को बढ़ा सकता है। इससे ब्लोटिंग, गैस और डकार जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं
इसके अलावा डेयरी उत्पादों, ग्लूटन, गेहूं उत्पादों की एलर्जी भी डकार का कारण हो सकती है। जिन लोगों में खाना देर तक आंतों में रहता है, उन्हें भी डकार की समस्या रहती है। डकार के साथ पेट दर्द, सीने में जलन, हाथ में झनझनाहट है तो डॉक्टर से मिलने में देरी नहीं करनी चाहिए।
डकार दूर करने के उपाय
- जल्दीबाजी में खाना न खाएं। धीरे-धीरे आराम से खाने पर हवा पेट के अंदर नहीं जाएगी।
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और बीयर आदि न पिएं। टॉफी और हार्ड कैंडी आदि न खाएअपने डेन्चर की जांच कराएं।
- मुंह की खराब सेहत, जबड़े की सेटिंग में दिक्कत भी पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालते हैं।
- रात में सोने व खाने के बीच अंतर रखें। खानपान की आदतों में बदलाव से पेट में गैस बनने की समस्या कम करने में मदद मिलती है। भोजन में जीरा, अजवाइन, हल्दी, अदरक, सौंफ जैसे प्रोडक्ट्स को भी शामिल करें।
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