Polycystic Ovary Syndrome : घर-परिवार का दखल, पढ़ाई, कैरियर बनाने का तनाव किशोरियों के हॉर्मोंस को बिगाड़ रहा है। इसका उल्टा असर बड़े खतरे की ओर ले जा रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की टीम ने 13 से 17 साल की 500 किशोरियों पर रिसर्च किया। 2 साल तक हुए रिसर्च में 200 किशोरियां पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) (Polycystic Ovary Syndrome) से पीड़ित मिलीं। इन किशोरियों को कच्ची उम्र में ही कई शारीरिक समस्याएं परेशान कर रही हैं।
अनियमित पीरियड समेत कई समस्या
पीसीओएस से पीड़ित 200 किशोरियों में कई शारीरिक परेशानी व असमानता भी मिली। इनमें अनियमित पीरियड्स के मोटापा के अलावा चेहरे पर अत्याधिक बाल के अलावा चेहरे पर मुंहासे भी नॉर्मल से अधिक मिले।
मानसिक तनाव भी बन रही बड़ी वजह
परिवार की आर्थिक दशा, परिजनों का बार बार टोकना, पढ़ाई और कैरियर बनाने की चाह हर वक्त तनाव रहता है। विशेषज्ञों ने PCOS का बड़ा कारण मानसिक तनाव माना है।
क्या है Polycystic Ovary Syndrome
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) की वजह से महिलाओं में फीमेल हार्मोन की बजाय मेल हार्मोन बढ़ने लगता है। अंडाशय में गांठें बनने लगती हैं। पीसीओएस का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है।
रिसर्च टीम की प्रमुख प्रोफेसर डॉ सीमा द्विवेदी का कहना है कि 2 साल तक 13 से 17 वर्ष की किशोरियों में रिसर्च किया। 40 परसेंट पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की चपेट में मिली। 50 परसेंट मानसिक तनाव की वजह से इससे पीड़ित मिली, जबकि बाकी अनियंत्रित लाइफस्टाइल, खानपान में लापरवाही के कारण पीड़ित हैं। इसके लिए कमियों को दूर करने की बेहद जरूरत है।
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