Al Rihla Football : कतर में हो रहे FIFA World Cup ने पाकिस्तान की डूबती नइया को बचा लिया है, मतलब वहां की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में जान फूंक दी और इकोनॉमी को कुछ धक्का दे दिया। अब आप भी सोच रहे होंगे कैसे। पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को तो कोई जानता भी नहीं, पर बात ये नहीं दूसरी है। क्या आप जानते हैं दुनिया की 70 परसेंट फुटबॉल बॉल्स पाकिस्तान में ही बनाई जाती है। और FIFA में जो चमकती अल रिहला फुटबॉल (Al Rihla Football) आप देखते हैं वो पाकिस्तान के सियालकोट में ही बनाई जाती है। हो गए न हैरान आप भी। तो चलिये जानते हैं पाकिस्तान कब से और कैसे FIFA के लिए फुटबॉल बना रहा है।
दुनिया की 70 परसेंट फुटबॉल पाकिस्तान में बनती है
बात करें FIFA Football की तो रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 4 करोड़ के फुटबॉल हर साल खरीदे जाते हैं, जिसमें से 70 परसेंट फुटबॉल पाकिस्तान के सियालकोट में ही बनाई जाती है। सियालकोट में इसी काम से जुड़ी लगभग 1 हजार फैक्ट्री है, जिसमें Forward sports नाम की मल्टीनेशनल कंपनी भी शामिल है, जो Adidas के लिए फुटबॉल बनाती है। और इसी कंपनी ने इस बार कतर में खेली जा रही फुटबॉल अल रिहला (Al Rihla Football) भी बनाई है।
1970 के दशक से पाकिस्तान की फुटबॉल इंडस्ट्री ने किया बूम
सियालकोट में लगभग 50 हजार से अधिक लोग फुटबॉल बनाने के बिजनस से जुड़े हैं। और पाकिस्तान के फुटबॉल मैन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री की बात करें तो साल 1970 के दशक से यहां की फुटबॉल इंडस्ट्री ने बूम करना शुरु किया। कुछ छोटी कंपनियों ने यहां फुटबॉल बनाने शुरु किया और धीरे धीरे उनके बनाए फुटबॉल की क्वालिटी से उनकी रेप्यूटेशन दुनिया में बढ़ गई।
हर बड़े फुटबॉल मैच में पाकिस्तान में बने फुटबॉल्स का होता है इस्तेमाल
फुटबॉल की क्वालिटी इतनी बढ़िया होती थी कि 90s तक पाकिस्तान में बनी FIFA से लेकर यूरोपियन क्लब्स में भी इस्तेमाल होने लगी। साल 1970 से Adidas ही FIFA के सभी मैच के लिए फुटबॉल सप्लाई करता आ रहा है। पाकिस्तान के सियालकोट ने पहली बार 1982 में एडिडास के साथ मिलकर FIFA के लिए फुटबॉल बनाया था, जिसके बाद 1990 से लेकर साल 2010 तक ज्यादातर FIFA वर्ल्डकप में ज्यादातर सियालकोट में हाथ से सिले हुए फुटबॉल्स का ही इस्तेमाल हुआ।
अब बन रहे Thermo bonded Football
हाथों से फुटबॉल को सिल कर बनाना कोई मामूली काम नहीं है। एक फुटबॉल में 690 स्टिचेस, 20 हेक्सागन, 12 पेंटागन लगते हैं। फिर, Forward sports ने एडिडास के साथ मिलकर थर्मो बॉन्डेड फुटबॉल (Thermo bonded Football) बनानी शुरु की, इसमें सिलाई की जगह पैनल्स को Heat की मदद से जोड़ा जाता है, जिसके बाद पाकिस्तान ने बेस्ट फुटबॉल्स बनाने की रेस में पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2014, 2018 और अब 2022 की FIFA वर्ल्डकप में इन्हीं पाकिस्तान में बने फुटबॉल्स का इस्तेमाल हुआ और हो रहा है।
स्पोर्ट इंडस्ट्री बनी ने पाकिस्तान की इकोनॉमी में डाली जान
बात करें पाकिस्तान के इकोनॉमी की तो वो पूरी दुनिया को पता है, पर यहां की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री इकोनॉमी में बढ़िया सपोर्ट कर रही है, जिसकी वजह, कतर में हो रहा FIFA वर्ल्डकप है। पाकिस्तान का स्पोर्ट्स गुड्स का एक्सपोर्ट लगभग 1 बिलियन डॉलर सालाना है, जिसमें से 350 से 500 मिलियन डॉलर सिर्फ फुटबॉल के एक्सपोर्ट से आते हैं।
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