Nipah Virus : केरल में एक बार फिर निपाह वायरस के मामले सामने आए हैं, जिसने स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मचा दी है। केरल के कोझिकोड में बुखार से दो “अप्राकृतिक मौतों” के बाद, केरल स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस संक्रमण के बारे में अलर्ट जारी किया है। इससे पहले, भारत में निपाह वायरस (Nipah Virus) प्रकोप 2018 और 2021 देखने को मिला था।
Nipah Virus क्या है ?
निपाह वायरस (NiV) एक ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। यह पहली बार 1998 में मलेशिया और सिंगापुर में उभरा। इसने मुख्य रूप से पालतू सूअरों को प्रभावित किया था। तब से यह वायरस (Nipah Virus) कुत्तों, बिल्लियों, बकरियों, घोड़ों और भेड़ों सहित पालतू जानवरों की कई प्रजातियों में पाया गया है।
1998 में मलेशिया में सबसे पहली बार किसी मनुष्य में निपाह वायरस (Nipah Virus) पाया गया था, इसके बाद से, दक्षिण एशिया में इसके लगभग हर साल छोटे-छोटे केस सामने आते रहे हैं। निपाह वायरस के मुख्य फैलने का कारण चमगादड़ हैं। यह वायरस उन मनुष्यों में फैल सकता है जिनका जीवित, संक्रमित जानवरों या उनके शरीर से सीधा संपर्क होता है।
यह ध्यान रखने वाली बात है कि Nipah Virus हवा से फैलने वाला संक्रमण नहीं है, लेकिन यह संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के सांस से दूषित बूंदों और वस्तुओं के माध्यम से फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वायरस के मामलों में मृत्यु दर 40 परसेंट से 75 परसेंट के बीच है।
Nipah Virus के लक्षण क्या हैं?
निपाह वायरस के लक्षण आमतौर पर संपर्क में आने के 4-14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। शुरुआती लक्षणों में बुखार और सिरदर्द शामिल हैं, जो अक्सर सांस से संबंधी बीमारी जैसे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई के साथ होते हैं। गंभीर मामलों में, वायरस एन्सेफलाइटिस, ब्रेन इंफेक्शन और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है।
निपाह वायरस से बचने के उपाय क्या हैं?
निपाह वायरस की रोकथाम में बीमार जानवरों के कॉन्टैक्ट में आने से बचना, जमीन या फर्श को साफ रखना। नियमति मास्क इस्तेमाल करना और हाथों को धुलना।
इसके अलावा फल या सब्जियों को खाने से पहले अच्छे से धुल लें।
क्लोज़ कॉन्टैक्ट से बचें : संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें, विशेष रूप से लक्षण दिखाने वाले लोगों से, और उनके शारीरिक तरल पदार्थों के साथ निकट संपर्क से बचें (यानी एक ही ग्लास में पानी, या दोस्त है तो एक ही सिगरेट को इस्तेमाल करना) या बीमार व्यक्ति के साथ होने पर मास्क लगाए रहे।
स्वच्छता : बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोकर संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
फ्रूट बैट से बचें : निपाह वायरस अक्सर फ्रूट बैट के माध्यम से फैलता है। उनके संपर्क से बचें और ऐसे फलों का सेवन न करें जो चमगादड़ की लार या मूत्र से दूषित हो सकते हैं।
क्या Nipah Virus का कोई इलाज है ?
निपाह वायरस के लिए वर्तमान में कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। WHO के अनुसार, निपाह के लिए स्पेसिफिक कोई दवा या वैक्सीन वर्तमान में उपलब्ध नहीं है।
यह रोग बेहतर देखभाल और दवा तक सीमित है, जिसमें आराम, हाइड्रेशन और लक्षणों के समझ आने पर उनका उपचार शामिल है।
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