Millet Menu of Parliament House : ज्वार वेजिटेबल उपमा से लेकर रागी डोसा, बाजरे की टिक्की और बाजरे की खिचड़ी, मोटे अनाज से तैयार ये सभी व्यंजन अब संसद की कैंटीन में मिलेंगे। सरकार की मोटा अनाज को बढ़ावा देने की मुहिम के तहत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह खास व्यवस्था की है। इसके तहत 31 जनवरी से शुरु हो रहे संसद के बजट सत्र में सासंद व विजिटर इन व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।
ओट्स मिल्क और सोया मिल्क भी
पीएम नरेन्द्र मोदी के रविवार को मन की बात कार्यक्रम में बाजरा के लाभों पर प्रकाश डालने के बाद देश भर के वयंजनों को संसद की कैंटीन के मेनू (Millet Menu of Parliament House) में जगह मिली है। संसद की कैंटीन में स्वास्थ्य के प्रति जागरुक लोग अभ ओट्स मिल्क या सोया मिल्क ले सकते हैं।
राजस्थान, गुजरात के स्वादिष्ट वंयन्जन
इसके अलावा (Millet Menu of Parliament House) बाजरे के राब (राजस्थान से) और रागी मटर का शोरबा (सूप), बाजरा प्याज की मुठिया (गुजरात), शाही बजारे की टक्की (मध्य प्रदेश) और ज्वार सब्जी उपमा (गुजरा) शुरुआत में परोसी जाएंगी।
बाजरे का केसरी खीर और रागी अखरोट के लड्डू
New Millet Menu of Parliament House
विजिटर अमरनाथ सला और कोदो बाजरा सलाद, छोटे बाजरा से बनी केसरी खीर और रागी अखरोट के लड्डू का भी आनंद ले सकते हैं। मोटे अनाज के खाद्य पदार्थों को परोसने का कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि उन्हें भारत का पारंपरिक अनाज माना जाता है और ये विभिन्न तरीकों से स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है।
मोटे अनाजों के फायदे (Benefits of Millets)
– हड्डिया मजबूत बनाती हैं
– कैल्शियम से भरपूर
– डाइजेस्टिव सिस्टम यानी पाचन क्रिया मजबूत
– वजन को कंट्रोल रखने में मददगार
– मोटे अनाज से एनेमिया का खतरा कम रहता है
– डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बेस्ट
– शरीर को गर्म रखता है
– हार्ट के लिए भी मोटा अनाज फायदेमंद होता है
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