Health Insurance Proposal Form : गंभीर बीमारियों के इलाज या अचानक खर्चों की भरपाई के लिए लोग स्वास्थ्य बीमा लेते हैं लेकिन कई बार कंपनियां क्लेम को खारिज कर देती हैं। इसका कारण होता है कि बहुत से लोग बीमा खरीदते समय पहले से मौजूद अपनी बीमारी का खुलासा नहीं करते हैं। इसके लिए प्रस्ताव (प्रपोजल) फॉर्म भरना जरूरी होता है। यदि बीमाधारक इससे चूक जाता है तो उसका क्लेम बीमा कंपनी खारिज कर सकती है। इसलिए पॉलिसी लेते समय इस फॉर्म (Health Insurance Proposal Form) को खुद अनिवार्य रूप से भरना चाहिए।
IRDA ने घटाई थी प्रतीक्षा अवधि
बीमा विनियामक IRDA ने हाल ही में स्वास्थ्य बीमा से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं। इसके तहत पहले से मौजूद बीमारी यानी पीईडी को कवर करने की समय अवधि को घटा दिया गया है। अभी तक पॉलिसी के लिए आवेदन करने से चार साल पहले तक की बीमारी को पहले से मौजूद बीमारी माना जाता था। अब इस अवधि को घटाकर तीन साल कर दिया गया है। यानी अब पॉलिसी खरीदने से 3 साल से पहले तक की बीमारी पीईडी की कैटेगरी में आएंगी लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा जब बीमाधारक ने इंश्योरेंस लेते वक्त प्रपोजल फॉर्म खुद भरा हो।
क्या है प्रपोजल फॉर्म
What is Health Insurance Proposal Form
जब भी कोई व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा खरीदता है तो कंपनी प्रस्ताव (Health Insurance Proposal Form) भरवाती है। इसमें आवेदक की जीवनशैली से जुड़े तमाम तरह के सवाल पूछे जाते हैं। साथ ही ऐसी कोई बीमारी जिससे आवेदक पीड़ित है, उसका विवरण मांगा जाता है। नियमों के तहत स्वास्थ्य बीमा खरीदने से 36 महीने पहले तक की बीमारियां और चोटें पीईडी की श्रेणी में आएंगी। हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, थायरायड व डायबिटीज जैसी बीमारियां पीईडी में शुमार होती हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त ये सावधानियां बरतें
- फॉर्म को खुद भरें
इस बात का ध्यान रखें कि प्रपोजल फॉर्म (Health Insurance Proposal Form) खुद भरें। इसे किसी और से न भरवाएं, ना ही किसी अन्य को भरने दें.
- कोई कॉलम खाली न छोडें
फॉर्म को पूरी तरह से और सही जानकारियों के साथ भरें। कोई भी कॉलम खाली न छोड़ें.
- सभी सवालों को समझें
यह क्लीयर करें कि पूछे गए सवालों को सही ढंग से समझा है। इसकी घोषणा फॉर्म में करनी होगी.
- कोई जानकारी न छिपाएं
बीमा लेते समय किसी भी जानकारी या फेक्ट को छिपाएं नहीं। ऐसा करने से बीमा क्लेम करते समय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
- एक प्रति अपने पास रखें
साइन किए गए फॉर्म की प्रति अपने पास जरूर रखें। यह कंपनी के साथ सहमति का रिकॉर्ड है.
- फोन नंबर जरूर जोड़ें
अपना फोन नंबर बीमा कंपनी के साथ रजिस्टर्ड करें। दावा खारिज होने पर मैसेज आप तक पहुंच जाएगा.
- कवरेज जरूर जांचें
यह भी देखें कि पॉलिसी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और गंभीर बीमारियों को कवर करती है या नहीं.
कंपनी चाहे तो पॉलिसी ही रद्द कर सकती है
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय पहले से मौजूद बीमारियां अहम मुद्दा है। यदि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा लेते समय पुरानी बीमारी का खुलासा प्रपोजल फॉर्म में करता है तो कंपनी प्रीमियम की राशि बढ़ा सकती है, कोई शर्त जोड़ सकती है या फिर आवेदन को ही खारिज कर सकती है। अगर आवेदक बीमारी को छुपाकर बीमा ले लेता है और बाद में इसका खुलासा होता है तो वह दावा खारिज कर सकती है। यही नहीं पॉलिसी भी बंद कर सकती है।
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