Online Fraud : ऑनलाइन धोखाधड़ी में पैसे गंवाने वाले या गलती से किसी अंजान व्यक्ति के खाते में रकम भेजने वाले लोगों को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। ऐसे लोगों को उनका पैसा आसानी से और जल्द दिलाने की तैयारी सरकार कर रही है। इसके लिए बैंकों के साथ मिलकर नए दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
इनके जरिए जांच एजेंसियों के लिए जरूरी कार्रवाई करना अनिवार्य और आसान हो जाएगा। बताया जा रहा है कि बैंक और वित्तीय संस्थान इसके स्टैंडर्ड फॉरमैट की जानकारी जल्द शेयर करेंगे। इस संबंध में हाल ही में वित्त मंत्रालय में समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव और बैंकों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
गौरतलब है कि पिछले साल काफी बड़ी संख्या में बैंक खातों से भुगतान के दौरान लेन-देन करते हुए धोखाधड़ी (Online Fraud) के मामले आए थे। बता दें साल 2023 में बैंक के लेन देन में 13 530 धोखाधड़ी के मामले सामने आए थे।
इस कदम से क्या फायदा होगा
इस मामले से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि नई सरकार और बैंकों की प्रस्तावित एसओपी से बैंकों और जांच एजेंसियों में बेहतर तालमेल स्थापित हो सकेगा। अगर कोई धोखाधड़ी होती है, तो ठगी गई रकम (Online Fraud) का आसानी से पता लगाया जा सकेगा और उसे जल्द वापस पाया जा सकेगा।
फिलहाल मानक प्रक्रिया नहीं है
बैठक में बैंकों के साथ एक मानक संचालन प्रक्रिया (standard operating procedure) विकसित करने की योजना पर चर्चा की ताकि बैंकों को साइबर वित्तीय धोखाधड़ी में निकाले गए पैसे ग्राहकों को वापस करने में मदद मिल सके। फिलहाल, वर्तमान में यूजर्स को पैसा वापस करने के लिए कोई SOP नहीं है।
Online Fraud की शिकायत 24 घंटे के अंदर
इसके अलावा बैंकों को धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए 24 घंटे नोडल अधिकारियों की उपलब्धता कंफर्म करने के लिए भी कहा गया है। सरकार बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा मैसेज शेयर करने को स्टैंडर्डाइज करने की दिशा में बैंकों के साथ काम कर रही है।
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