Mahashivratri 5 Famous Temples : शिव की नगरी कही जाने वाली काशी में जैसे जैसे महाशिवरात्रि का पर्व नजदीक आ रहा, तैयारियां और तेज होती जा रही हैं। इस बार महाशिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी को पड़ रहा है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि सिर्फ काशी ही नहीं देश के इन शिवमंदिरों में भी महाशिवरात्रि पर महादेव के भक्तों की खासा भीड़ लगती है। इसलिए अगर आप भी शिवभक्त हैं तो, एक बार महादेशव के दर्शन को इन तीर्थस्थलों पर जरूर पहुंचे। एक अलग ही सुकून मिलेगा।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर – वाराणसी
दुनिया के सबसे प्राचीन नगरी महादेव की नगरी काशी में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Mahashivratri 5 Famous Temples) में ऐसे तो हर रोज हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं, पर महाशिवरात्रि और सावन का नजारा ही कुछ अलग सा होता है। काशी विश्वनाथ धाम के नवीनीकरण के बाद से तो ये संख्या डबल हो गई है। महाशिवरात्रि पर इस बार 10 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां दर्शन को पहुंचेंगे, जो हर साल ही आते हैं। ये नजारा भी अद्भुत रहता है।
शाम सात बजे वाराणसी के मैदागिन से शिवबारात निकाली जाती है, जिसमें किन्नर, भूत, प्रेत, निशाचर बाराती होते हैं। भगवान शिव की ये बारात देखने लोग दूर दूर से पहुंचते हैं। अगर आप वाराणसी में हैं या काशी विश्वनाथ के दर्शन करने जाने का प्लान कर रहे तो इस बारत को देखने मिस मत करियेगा।
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श्री महाकालेश्वर मंदिर – उज्जैन
उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के 9 दिन पहले से ही उत्सव शुरु हो जाता है। यहां 9 दिन शिव नवरात्रि मनाई जाती है, जो 10 फरवरी से शुरु भी हो गई है। बाबा महाकाल को भस्म स्नान कराया जाता है। फिर पंच स्नान के बाद विशेष शृंगार भी किया जाता है। हर साल महाशिवरात्रि पर यहां भी लाखों भक्त मत्था टेकने पहुंचते हैं। बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने देश भर से भक्त यहां पहुंचते हैं।
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कालीनाथ कालेश्वर महादेव मंदिर- हिमाचल प्रदेश
देवभूमि हिमाचल में कांगड़ा के धार्मिक स्थल उपमंडल देहरा में कालीनाथ कालेश्वर महादेव (Mahashivratri 5 Famous Temples) का मंदिर है। मंदिर में भगवान शिव की पिंडी भूगर्भ में स्थापित है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि मां काली ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए इसी स्थान पर तप किया था। मान्यता है कि भगवान शिव की पिंडी हर साल जौ के दाने के बराबर पाताल में धंसता चला जाता है। महाशिवरात्रि पर हर साल यहां भी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।
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आत्मावीरेश्वर महादेव मंदिर – वाराणसी
वाराणसी के गंगा घाट किनारे सिंधिया घाट की सीढ़ियों से ऊपर मां संकठा के मंदिर के पीछे जाने पर आपको आत्मावीरेश्वर महादेव का मंदिर मिलेगा। कहते हैं, यहां श्री काशी विश्वनाथ की आत्मा यहीं बसती है। मान्यता है कि महादेव हर रोज यहां संगीत सुनकर ही सोते हैं। शाम 8.30 बजे से यहां बाबा का शृंगार शुरु हो जाता है। चंदन का टीका, फूल मालाओं से बाबा को सजाया जाता है। सुंगधित इत्तर लगाए जाते हैं। फिर भजन कीर्तन होता है। ये परंपरा हर रोज होती है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 5 Famous Temples) पर अगर आप काशी में है और भीड़ के कारण काशी विश्वनाथ के दर्शन नहीं कर सके तो उनके आत्मा के दर्शन जरूर करें।
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मल्लिकार्जुन स्वामी – आंध्रप्रदेश
मल्लिकार्जुन स्वामी का मंदिर आंध्रप्रदेश के श्रीसैलम में नल्ललमलाई पहाड़ियों पर है। ये मंदिर, भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। मंदिर में माता पार्वती का नाम ‘मल्लिका’ है और भगवान शिव को ‘अर्जुन’ कहा जाता है। इस तरह भगावन यहां श्रीमल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के नाम से निवास करते हैं। महाशिवरात्रि के अलावा भी यहां हर दिन भक्तों की खूब भीड़ जुटती है। यहां दर्शन करना अपने आप में एक सुखद अनुभव है। महादेव की पिंडी के दर्शन से ही आपको शांति का एहसास हो जाएगा। आप भी अपने शहर के शिवालयों के बारे में हमसे जरूर शेयर करें।
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