MahaKumbh 2025 : महाकुंभ 2025 ठीक 45 दिनों का होगा। तीन शाही स्नान होंगे। शनिवार को सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से शाही स्नान की तिथियों की औपचारिक घोषणा की गई। इसके अलावा चार प्रमुख स्नान पर्वों की भी घोषणा की गई। पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025, अचला सपत्मी चार फरवरी 2025, माघी पूर्णिमा 12 फरवरी को और महाशिवरात्रि (MahaKumbh 2025) का स्नान पर्व 26 फरवरी को होगा।
शाही स्नान की तिथियां
पहला शाही स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या 29 जनवरी और तीसरा व अंतिम शाही स्नान वसंत पंचमी 3 फरवरी को होगा।
महाकुंभ (MahaKumbh 2025) को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने महाकुंभ को महादिव्य और महाभव्य बनाने के लिए सुझाव दिए। मंडलायुक्त कार्यालय स्थइत गांधी सभागार में हुई बैठक में निर्वाणी अनी, महानिर्वाणी जूना, निरंजनी निर्मोही अनी, आह्वान, अटल, नया उदासीन, बड़ा उदासीन, अग्नि, निर्मल, दिगंबर, अनी और आनंद अखाड़ा के दो दो प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
पंचांग विशेषज्ञों से परामर्श पर शाही स्नान की तिथियों से अवगत कराया गया। सहमति के बाद महाकुंभ (MahaKumbh 2025) मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने महाकुंभ की वृहद कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी। अखाड़ों को दी जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा हुई। अखाड़ों के देश भर के मठ मंदिरों और आश्रमों के जीर्णोद्धार के लिए आर्थिक मदद को लेकर भी संतों से परामर्श लिया गया।
अखाड़ों में गुजरात से निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास, अयोध्या से निर्वाणी अनी के महंत धर्मदास महाराज, महानिर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत और अखाड़ा परिषद केक सचिव यमुनापुरी, बड़ा अखाड़ा उदासीन से महंत महाशिवानंद, नया उदासीन अखाड़ा से जगतार मुनि, निर्मल अखाड़ा से महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, निरंजनी अखाड़ा से ओमकार गिरि, आनंद अखाड़ा से राजेश्वरनांद, अटल अखाड़ा से बलराम भारती बैठक में रहे।
शासन प्रशासन की ओर से मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, एडीजी भानु भास्कर आईजी चंद्रप्रकाश, डीएम संजय कुमा खत्री के साथ ही मेला प्राधिकरण और पर्यटन, रेलवे, सेना, एयरपोर्ट एथॉरिटी, एनएचआई, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, पीडीए, स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 11 देशों के मेहमान होंगे शामिल
अगले साल जनवरी में जब रामलला दिव्य, भव्य और चिरस्थायी भवन में विराजमान होंगे तो समारोह की माला अनेक देशों के ‘मनकों‘ से सजेगी। रामजन्म भूमि पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ विदेशी अतिथि भी शामिल होंगे। अमेरिका, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिजी, रूस और नेपाल जैसे कई देशों से मेहमानों को इंवाइट किया जाएगा, जहां पर रामलीला की परंपरा जीवंत और सनातन संस्कृति की जड़ें भी मजबूत हैं। हर पंथ के प्रतिनिधि संतों की मौजूदगी भी होगी।
रामनगरी में बीते दिनों रामलला प्राण प्रतिष्ठा समिति की बैठक में विदेशी मेहमानों को आमंत्रित करने पर चर्चा हुई। यह विचार भी हुआ कि समारोह में उन देशों के प्रतिनिधियों को अवश्य आमंत्रण भेजा जाए जहां रामलीला की परंपरा सालों से विद्यमान है। समिति के एक सदस्य ने बताया कि भगवान की प्राण प्रतिष्ठा को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ आयोजना बनाया जाएगा।
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