Presidents of Congress Party after Independence : भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस (Congress) को आखिरकार अपना पूर्णकालिक अध्यक्ष (permanent president) मिल गया है। 2019 के चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। गांधी परिवार से अलग करीब 24 साल बाद कोई शख्स पार्टी प्रमुख बना है। अब सारा दामोदार मल्लिकार्जुन खड़गे पर है, क्योंकि लोग अब कह रहे कि साल 2019 के बाद कांग्रेस को सही नेतृत्व करने वाला नेता मिला है। पर क्या आप जानते हैं, स्वतंत्र भारत में अब तक कितने नेता कांग्रेस अध्यक्ष बन चुके हैं।
आजादी के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी के बने 20 अध्यक्ष
Congress के इतिहास की बात करें तो 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक खड़गे को लेकर कांग्रेस पार्टी के 20 अध्यक्ष बने हैं, जिसमें सिर्फ 5 अध्यक्ष ही गांधी परिवार से रहे हैं। बाकी अन्य का गांधी परिवार से कोई नाता नहीं था। सभी पार्टी के मजबूत स्तंभ थे। आइये जानते हैं 1948 से लेकर 2022 तक Congress अध्यक्ष कौन-कौन थे, जिन्होंने संभाली थी कांग्रेस की कमान, और देश की उन्नती में दिया था अपना योगदान।
1948 में जयपुर अधिवेशन में बी पट्टाभि सीतारमैया को कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष चुना गया था। उन्हें कांग्रेस के इतिहासकार के नाम से भी जाना जाता है।
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1950 नासिक अधिवेशन में पुरुषोत्तम दास टंडन पार्टी अध्यक्ष चुने गए थे। जवाहर लाल नेहरु से मतभेद के चलते बाद में उन्होंने त्याग पत्र दे दिया था। पुरुषोत्तम दास टंडन ने ही, हिंदी को आधिकारिक भाषा देने की मांग की थी।
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1951, साल 1929 में पहली बार Congress अध्यक्ष बने नेहरू प्रधानमंत्री रहते हुए 1951 में पुनः पार्टी प्रमुख बने थे। 1954 तक वह पार्टी अध्यक्ष के पद पर थे।
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1955 – काठियावाड़ को भारतीय संघ में मिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले और 1948 में सौराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री बने यूएन ढेबर 1955 में पार्टी अध्यक्ष बने थे।
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Source – Wikipedia
आंध्र प्रदेश के गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री बने एन संजीव रेड्डी को दिसंबर 1959 में कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने बेंगलुरु, भावनगर और पटना के अधिवेशनों की अध्यक्षता की थी। बाद में एन संजीव रेड्डी देश के छठवें राष्ट्रपति भी बने।
1964-1967 – एक समय तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के प्रमुख रहे के कामराज ने तीन साल राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की कमान संभाली थी। कामराज को भारतीय राजनीति का ‘King Maker’ भी कहा जाता था। कहा तो ये भी जाता है कि कामराज ने ही, पंडित नेहरू की मौत के बाद लाल बहादुर शास्त्रीजी के प्रधानमंत्री बनने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
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1968- एस निजलिंगप्पा ने ऐसे समय में पार्टी की कमान संभाली थी, जब लोगों का पार्टी से भरोसा कम होने लगा था। उनके दौर में पार्टी को टूट का सामना भी करना पड़ा था।
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Source – Karnatak.com
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1969-1970 के बीच पी मेहुल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे।
1970 – बंबई अधिवेशन में वंचित वर्ग के प्रवक्ता कहे जाने वाले बाबू जगजीवन राम को अध्यक्ष चुना गया था। वह कांग्रेस प्रमुख बनने वाले पहले दलित नेता थे।
1972 – शंकर दयाल शर्मा को दो साल के कार्यकाल के लिए पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में पार्टी को जनाधार वापस पाने में सफलता मिली थी। शंकर दयाल बाद में भारत के राष्ट्रपति भी बने।
1975 – आपातकाल के समय में प्रतिष्ठित राजनेता डीके बरुआ के हाथ में पार्टी की कमान थी। बरुआ 1949 में संविधान सभा के सदस्य भी रहे थे। देवकांत बरुआ ने ही ‘इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा’ का नारा दिया था।
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Source – Wikipedia
1977 से 1978 तक ब्रह्मनंद रेड्डी (Kasu Brahmananda Reddy) Congress के अध्यक्ष बने।
1978 – लोकसभा चुनाव में हार के बाद इंदिरा गांधी ने पार्टी की कमान अपने हाथ में ले ली थी। 1984 में उनकी हत्या तक वह पार्टी प्रमुख के पद पर बनी रहीं।
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Source – The Mint
1985 – पार्टी के शताब्दी वर्ष में बंबई (अब मुंबई) में हुए अधिवेशन में देश के छठवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी को Congress अध्यक्ष चुना गया। राजीव गांधी 1991 तक इस पद पर रहे।
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1991 में कांग्रेस के 15वें अध्यक्ष बने कमलापति त्रिपाठी बने। वह 1992 तक इस पद पर रहे। कमलापति त्रिपाठी दो बार रेलमंत्री भी रहे थे।
1992 – पीवी नरसिंह राव ने मुश्किल परिस्थितियों में पार्टी की कमान संभाली थी। पीएम के रूप में उन्हें अर्थव्यवस्था में उदारीकरण का श्रेय दिया जाता है। नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रित्व काल में ही देश में उदारीकरण (liberalization) की नींव पड़ी थी।
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1997 – सीताराम केसरी जब पार्टी अध्यक्ष बने, तब तक Congress बहुत जनाधार गंवा चुकी थी। उन्होंने उस दौर में पार्टी को जोड़े रखने की भूमिका निभाई थी।
1998 – 2017 – सोनिया गांधी ने ऐसे में पार्टी की कमान संभाली जब जमीनी स्तर पर कैडर कमजोर पड़ने लगा था। वह सबसे ज्यादा समय तक पार्टी की अध्यक्ष रहीं।
2017 – दिसंबर, 2017 में राहुल गांधी ने Congress अध्यक्ष का पद संभाला था। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था।
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