Liquid Cocaine : पूरी दुनिया में नशे का बिजनस सबसे तेजी से फलने-फूलने वाला एक गैरकानूनी धंधा है। अब ये गैरकानूनी धंधा भी टाइम-टू-टाइम अपडेट होता जा रहा है। हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर एक महिला को 2 बोतल लिक्विड कोकीन (Liquid Cocaine) के साथ गिरफ्तार किया गया है। अब आप सोचेंगे कोकीन पाउडर तो सुना है, ये लिक्विड कोकीन क्या है। तो बता दें, ये स्मगलरों का नया तरीका है नशे के कारोबार को बढ़ाने का। क्योंकि लिक्विड कोकीन को आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता है।
पिछले दिनों 15 जून को दिल्ली एयरपोर्ट पर केनिया की एक 25 साल की लड़की को पकड़ा गया। उसके पास से दो बोतलें मिली। जांच करने पर पता चला को बोतलों में लिक्विड कोकीन (Liquid Cocaine) भरा है। अंदाजा लगाइये इन दो बोतलों की कीमत क्या होगी। इतनी की आप सोच भी नहीं सकते। दोनों बोतलों की कीमत 13 करोड़ से भी ज्यादा थी। एयरपोर्ट ऑफिसर्स का कहना है कि लड़की को लिक्विड कोकीन की बोतलें नैरोबी एयरपोर्ट पर दिया गया था, जिस उसे दिल्ली में किसी को देना था।
अप्रैल 2023 में, दिल्ली एयरपोर्ट पर ही एक तंजानिया के शख्स को व्हिस्की की बोतलों में शराब के साथ कोकीन मिलाकर तस्करी करने के आरोप में पकड़ा गया था। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) और सीमा शुल्क द्वारा प्रोफाइलिंग के आधार पर उस शख्स को गिरफ्तार किया गया था।
इसी तरह पिछले साल नवंबर में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक नाइजीरियाई व्यक्ति को दो व्हिस्की की बोतलों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कोकीन को लिक्विड फॉर्म में मिलाया गया था, ताकि नशीली दवाओं की तस्करी के दौरान बैन्ड ड्रग्स का पता लगाना मुश्किल हो जाए।
लिक्विड कोकीन क्या होता है
लिक्विड कोकीन (Liquid Cocaine) इस वक्त पूरी दुनिया में काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है। इसकी खात बात ये है कि इसे लिक्विड फॉर्म में जल्दी ट्रेस नहीं किया जा सकता। एक्सपर्ट्स की माने तो लिक्विड कोकीन पानी, गुल्कोज, एलकोहल, लेक्टोज में लिक्टविड पाउडर को घोलकर बनाया जाता है और बाद में इसे वापस पाउडर के रूप में बदल भी दिया जा सकता है। कोकीन को उसके पाउडर के मुकाबले लिक्विड फॉर्म में पहचानना अधिक कठिन होता है।
लिक्विड कोकीन का पता कैसे लगाएं?
बोतलों में मौजूद लिक्विड में कोकीन को इतनी चालाकी से घोला गया था कि इसका पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसमें कोकीन की गंध भी बिल्कुल नहीं आती। यूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन (EMCDDA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लिक्विड कोकीन को पोर्ट्स, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन्स पर लगाये गये स्कैनर्स से भी नहीं पकड़ा जा सकता।
यूनिवर्सिडैड डेल नॉर्ट के प्रोफेसर लुइस फर्नांडो ट्रेजोस ने इनसाइट क्राइम को बताया कि लिक्विड कोकीन पहले तस्करों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प नहीं था क्योंकि इसे वापस अपने मूल रूप में परिवर्तित करने में डिकैंटिंग प्रक्रिया शामिल होती है। इससे कोकीन का 10 परसेंट खराब हो जाता है। हालांकि, ड्रग तस्कर अब लंबे प्रॉफिट और सप्लाई के लिए 10 परसेंट का जोखिम उठा लेते हैं, इससे लिक्विड कोकीन की तस्करी काफी तेज हो रही है।
लिक्विड कोकीन का एक फायदा ये है कि इसमें विभिन्न सामग्रियों में शामिल होने की क्षमता है, जिसमें कपड़े या रस्सियों जैसी चीजें शामिल हैं। एक समय था जब बोलीविया के सरकारी अधिकारियों ने लिक्विड कोकीन का पता लगाने में अपनी असमर्थता स्वीकार कर ली थी। नतीजतन, उन्होंने हवाई अड्डे के एजेंटों को उनकी शक्ल और व्यवहार के आधार पर संभावित तस्करों की पहचान करने के लिए फिर से ट्रेंड किया था।
लिक्विड कोकीन का पता पहली बार 2011 में चला था जब ब्राजील और पैराग्वे की सीमा पर सांताक्रूज के बोलिवियाई विभाग में 13 किलोग्राम लिक्विड कोकीन जब्त किया गया था।
क्योंकि लिक्विड कोकीन की रेडियोलॉजिकल क्वालिटी (radiological quality) पाउडर कोकीन से एकदम अलग होती है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि UK और स्विट्जरलैंड ने दो तकनीकें विकसित की हैं जो बोतल खोले बिना प्रतिबंधित ड्रग्स का पता लगा सकती हैं।
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