Blood Cancer in Youngsters : भारत में ब्लड कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खास बात ये है कि इस बीमारी की चपेट में यंगस्टर्स ज्यादा आ रहे हैं। डॉक्टरों ने ये जानकारी दी है कि भारत में 30 से 40 साल के एज के अडल्ट्स में क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (सीएमएल) काफी बढ़ रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (सीएमएल) एक रेयर बीमारी है, पर इसका इलाज पॉसिबल है। इसे ब्लड कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। CML बोन मैरो पर असर करती है। इसमें नॉर्मली न्यूट्रोफिल, बेसोफिल, इयोसिनोफिल और मोनोसाइट्स जैसी वाइट ब्लड सेल्स में बनने वाली सेल्स में कैंसर के सेल भी बनना (Blood Cancer in Youngsters) शुरू हो जाते हैं।
ये हैं इसके लक्षण
Chronic Myeloid Leukemia Symptoms
- अगर इनिशियल स्टेज में इसकी पहचान और इसका इलाज किया जाए तो CML काफी हद तक ठीक हो सकता है। CML में सामान्य तौर पर पसीना आना, वजन कम होना, बुखार, हड्डियों में दर्द और प्लीहा का बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- दैनिक जागरण आइनेक्स्ट में पब्लिश्ड एक आर्टिकल के मुताबिक, एम्स नई दिल्ली में हेमेटोलॉजी के प्रोफेसर तूलिका सेठ के अनुसार, क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया का इलाज संभव है। हालांकि इस बीमारी से लड़ने के लिए बेहद नाजुक संतुलन अपनाने की जरूरत होती है। इस बीमारी से उभरने के लिए लगातार दवा का सेवन और रेगुलर जांच सबसे जरूरी बात है।
हर महीने आ रहे 5-10 नए केस
Blood Cancer in Youngsters
- बेंगलुरुके एचसीजी कॉम्प्रहेंसिव कैंसर केयर हॉस्पिटल के सीनियर हेमेटोलॉजिस्ट और हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट केएस नटराज ने बताया कि हर महीने लगभग 5-10 नए रोगियों में सीएमएल का पता चलता है.
- वहीं 10-15 अतिरिक्त रोगी फॉलो-अप के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या में इसलिए भी इजाफा हो रहा है, क्योंकि लोग इस बीमारी को लेकर सजग नहीं है.
- जब लोग रूटीन चेकअप के लिए जाते हैं और डॉक्टर टेस्ट की सलाह देते हैं, तब संदिग्ध रूप से हाई डब्ल्यूबीसी (वाइट ब्लड सेल) की संख्या का पता चलता है
लांसेट की स्टडी में जानकारी
Lancet Report on Risk of Blood Cancer in Youngsters
- जर्नल लांसेट में पब्लिश एक हालिया स्टडी में यह बात सामने आई है कि ये बीमारी बहुत कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है.
- भारत में ज्यादातर केस में यह 30 से 40 साल के एज के बीच देखने को मिल रहा है। इसकी तुलना में यह वेस्टर्न देशों में 64 साल की उम्र में देखने को मिलता है.
- ग्लोबल लेवल पर CML बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करता है. एक अनुमान के अनुसार, यह 12 से 15 लाख लोगों को प्रभावित करता है.
- यह बीमारी इतने ज्यादा तौर पर फैलने के बावजूद सीएमएल ल्यूकेमिया के दूसरे टाइप्स की तुलना में काफी रेयर पाया गया है. इसमें ल्यूकेमिया के सभी मामलों का लगभग 15 परसेंट शामिल है.
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