Earthquake Richter scale : दिल्ली, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में शुक्रवार आधी रात के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल 5.7 मापी गई। लखीमपुर खीरी से लेकर कानपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ समेत NCR में भी धरती के कांपने से लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल कर भागने लगे। वहीं नेपाल में तो तबाही का मंजर देखने को मिला। 100 से ज्यादा लोगों की भूकंप में मौत हो गई। ऐसे में ये जानना सबसे जरूरी हो जाता है कि, कितने रिक्टर स्केल का भूकंप कितनी तबाही ला सकता है, और भूकंप को मापा कैसे जाता है।
भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। भूकंप को रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता को तय किया जाता है। चलिये जानते हैं कि भूंकप कितनी तबाही ला सकता है। 0 से 1.9 रिक्टर स्केल (Richter scale) पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ (seismograph) से ही पता चलता है। आम आदमी को ये पता भी नहीं चलता।
Earthquake Richter scale
–2-2.9 Richter scale – हल्के झटके लगते हैं। ये भी पता नहीं चल पाता।
–3-3.9 Richter scale – कोई ट्रक नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है। ये कंपन आपको महसूस होगा। पर हर बार ऐसा हो ये जरुरी नहीं।
–4-4.9 Richter scale – खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है। ऊचीं इमारतों में ये ज्यादा पता चलता है। ज्यादातर, इंसानों को इतना भूकंप भी नहीं पता चलता।
–5-5.9 Richter scale – फर्नीचर हिल सकता है। मकानों में दरारें आ सकती है। ये आपको महसूस भी होगा, कभी-कभी लगता है, जैसे- चक्कर सा आ रहा हो। पर बाद में पता चलता है कि ये भूकंप का झटका था।
–6-6.9 Richter scale – कच्चे घर गिर सकते हैं। इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊंची इमारतों के ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। लोगों को चलते-फिरते भी भूकंप के झटके का एहसास हो सकता है।
–7-7.9 Richter scale – इमारतें-मकान गिर जाते हैं। काफी नुकसान होता है। कई बार सड़कें भी बीच से दरक जाती हैं। जैसा भुज में 2001 में और नेपाल में 2015 में हुआ था। ऐसे भूकंप में जान माल का काफी नुकसान होता है।
8-8.9 Richter scale – इतने भूकंप में बड़ी बड़ी इमारतों समेत बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा होता है। चिली में आया भूकंप तकरीबन इसी के आस-पास था, जिसमें भयानक तबाही हुई थी।
9 और उससे ज्यादा – ऐसे भूकंप में सबसे ज्यादा तबाही होती है। कोई मैदान में अगर खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। बड़ी सुनामी, जैसे जापान में 2011 में 9.1 भूकंप के बाद आई थी।
समझ लिजिये कि, भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल अपने पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर और खतरनाक होता है। इसलिए हमें इसकी जानकारी भी होना जरुरी है। ताकि ऐसी स्थिति में हम विवेक से काम लें और सही डिसिजन लेकर खुद की और दूसरों की मदद कर सके।
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