Remote Voting Machine : हर चुनाव के बाद हारने वाली पार्टियां EVM पर सवाल उठाती रहती हैं। कभी EVM बदलने का तो कभी EVM में टेकनिकल खराबी कर वोट बदलने का आरोप। अब EVM के इतनी पंचायतों के बीच RVM (Remote Voting Machine) पर नया बवाल मचना शुरु हो गया है, जो अभी तक आया भी नहीं है। वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग के इस नये प्रयोग को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध करना शुरु दिया है। तो क्या है ये RVM और क्यों विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं, चलिए जानते हैं।
RVM (Remote Voting Machine) क्या होता है
दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी भी चुनाव के वक्त वोटिंग कर सके, इसे लेकर इलेक्शन कमिशन RVM पर काम कर रहा है। इसका प्रोटोटाइप तैयार कर के इलेक्शन कमिशन राजनीतिक पार्टियों के साथ चर्चा भी कर रहा है। सिंपल भाषा में बताए तो, अगर कोई शख्स उत्तर प्रदेश के किसी शहर का है और वो दिल्ली में काम कर रहा है, या रह रहा है तो। उसे वोट देने के लिए उत्तर प्रदेश नहीं जाना होगा। वो शख्स RVM पर ही वोट दे सकेगा।
कैसे करेगा काम
RVM का प्रोटोटाइप सरकारी कंपनी, मेसर्स इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड ने तैयार किया है। इसे ऑपरेट करने के लिए किसी तरह के इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरुरत नहीं पड़ती। चुनाव आयोग के अनुसार, प्रवासियों को एक निश्चित समय में RVM (Remote Voting Machine) वोटिंग के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान मतदाताओं की दी गई डीटेल्स को चुनाव आयोग की टीम उनके कॉन्सिटुएंसी से प्रमाणित करेगी।
EVM का अपडेटेड वर्जन
इसके बाद प्रवासियों के लिए चुनाव के वक्त RVM सेंटर लगाए जाएंगे। RVM में निर्वाचन क्षेत्र चुनने पर वोटर्स के सामने प्रत्याशियों की लिस्ट आ जाएगी, जिसके बाद वोटर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट कर सकेंगे। इसके लिए भी वोटर के वोटर कार्ड को स्कैन किया जाएगा, जिसके बाद वोटर्स वोट दे पाएंगे। इलेक्शन कमीशन ने ये क्लीयर कर दिया है कि RVM, EVM का ही अपडेटेड वर्जन है, और ये वैसे ही काम करेगा।
रानीतिक पार्टियों ने किया विरोध
Remote Voting Machine पर चर्चा और डेमो के लिए चुनाव आयोग ने BJP, कांग्रेस, त्रिमुल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत 8 नेशनल और 52 स्टेट पार्टियों को बुलाया था। इलेक्शन कमीशन ने राजनीतिक पार्टियों से पूछा था कि प्रवासियों के लिए RVM में और क्या इम्प्रूव किया जा सकता है, पर राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस नेता दिगविजय सिंह का कहना है- प्रोटोटाइप में प्रवासियों को डिफाइन और डिस्क्राइब नहीं किया गया है। दिगविजय सिंह ने ये भी कहा कि आयोग ने 31 जनवरी तक पार्टियों को अपना सुझाव देने को कहा है। इससे पहले 25 जनवरी को फिर से मीटिंग होगी। हमारा नजरिया साफ है हम इसका विरोध करते हैं।
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