Indian Origin MPs in British Parliament : ब्रिटेन की नई संसद में भारतीय मूल के 26 सांसद शामिल होने वाले हैं. 5 जुलाई को हुए आम चुनाव में कुल 26 भारतीय मूल के नेताओं (Indian Origin MPs in British Parliament) ने जीत दर्ज की है। यह पिछले चुनाव की तुलना में 15 ज्यादा है. ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रथम प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पार्टी भले ही चुनाव में हार गई है, पर उन्होंने यॉर्कशायर में रिचमंड और नॉर्थहलर्टन निवर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है. सुनक के अलावा 25 अन्य भारतीय मूल के सांसदों में 20 लेबर पार्टी के और 5 कंजर्वेटिव पार्टी के हैं.
Britain की नई सरकार में भारतीय मूल के 26 सांसद कौन हैं ?
Indian Origin MPs in British Parliament
एसेक्स से जीतने वाली गुजराती मूल की कंजर्वेटिव सांसद प्रीति पटेल विथम ने अंतरराष्ट्रीय विकास राज्य सचिव सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया है. पटेल 2010 से निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. पंजाबी हिंदू पृष्ठभूमि के प्रमुख राजनेता गगन मोहिंदर दक्षिण पश्चिम हर्टफोर्डशायर से जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं. 2004 में पैरिश काउंसलर के रूप में अपने प्रारंभिक चुनाव के बाद मोहिंदर 2019 से कंजर्वेटिव सांसद रहे है.
लेबर पार्टी की नेता सीमा मल्होत्रा ने 2011 से चौथे कार्यकाल के लिए अपने फेल्थम और हेस्टन निवर्वाचन क्षेत्र को बरकरार रखा. मल्होत्रा कई बार मंत्री रह चुकी हैं. गोवा मूल के लेबर नेता वैलेरी वाज़ ने 5वीं बार वॉल्सॉल और ब्लॉक्सविच निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है. लिसा नंदी ने विगन में अपनी सीट बरकरार रखी, जिससे वह निर्वाचन क्षेत्र की पहली महिला सांसद बन गईं और 2010 के बाद से पहली एशियाई महिला सांसदों में से एक बन गईं.
नादिया व्हिटोम, जिन्होंने 2019 में 23 साल की उम्र में ब्रिटेन की सबसे कम उम्र की सांसद के रूप में इतिहास रचा था, नॉटिंघम ईस्ट से फिर से चुनी गईं हैं.
उत्तर प्रदेश के हैं ब्रिटेन के सांसद नवेन्दु मिश्रा
ब्रिटेन के आम चुनाव में लेबर पार्टी के उम्मीदवार नवेन्दु मिश्रा की शानदार जीत से उत्तर प्रदेश के कानपुर और गोरखपुर में जश्न का माहौल है. स्टॉकपोर्ट सीट से दूसरी बार सांसद बने. मिश्रा का जन्म 1989 में कानपुर में हुआ था. उनका ननिहाल गोरखपुर में है. नवेन्दु मिश्रा के पिता इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड में विपणन प्रबंधक थे और ब्रिटेन की एक कंपनी का कार्यभार संभालने के बाद वह ब्रिटेन चले गए. नवेन्द अपने भाई और बहन के साथ ब्रिटेन में ही पले-बढ़े है.
कनिष्क नारायण के ब्रिटिश संसद में पहुंचने पर मुजफ्फरपुर में खुशी
ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में ऋषि सुनक के सत्ता से बाहर होने से बहुत से भारतीयों को भले ही निराशा हुई हो, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर के कनिष्क नारायण की सफलता पर खुशी का माहौल है. नारायण ने ब्रिटिश सिविल सेवाओं में अपना करियर छोड़ने के बाद राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा. कनिष्क का जन्म मुजफ्फरपुर में हुआ था और उन्होंने तीसरी कक्षा तक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की थी.
सोनिया कुमार : डुडले से सोनिया कुमार निर्वाचित हुईं हैं. वह डुडले की पहली महिला सांसद हैं.
सुरीना ब्रैकेनब्रिज : वॉल्वरहैम्प्टन नॉर्थ ईस्ट से सुरीना ब्रैकेनब्रिज ने जीत दर्ज की है. उन्होंने 2021-22 में वॉल्वरहैम्प्टन नॉर्थ ईस्ट में मेयर के रूप में भी काम किया है.
किरिथ एंटविस्टल : किरिथ एंटविस्टल बोल्टन नॉर्थ ईस्ट से चुनी गई थीं. उन्होंने वेवलेंथ नामक चैरिटी के लिए काम किया और बोल्टन नॉर्थ ईस्ट की पहली महिला सांसद हैं.
जीवुन संधेर : जीवुन संधेर लॉफबोरो से चुने गए. उन्होंने एक अर्थशास्त्री, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि और एक शिक्षक के रूप में काम किया है. उन्होंने किंग्स कॉलेज लंदन से राजनीतिक अर्थव्यवस्था में पीएचडी के साथ-साथ आर्थिक विकास और नीति विश्लेषण में एमएससी और नॉटिंघम विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में बीए किया है.
सोजन जोसेफ : सोजन जोसेफ एशफोर्ड से चुने गए थे. केरल की एक नर्स, जो दो दशक पहले यूनाइटेड किंगडम चली गई थी. वह ब्रिटिश संसद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली केरलवासी होंगी.
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