Waste in Space : अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने समाधान खोज निकाला है। ISRO ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C56) को लॉन्च कर सिंगापुर के सात उपग्रहों (Satellite) को ऊंची कक्षा में स्थापित किया। इसके बाद रॉकेट के चौथे फेज़ को 300 किलोमीटर की निचली कक्षा में लाने के प्रयोग में भी सफलता प्राप्त की है। इससे अंतरिक्ष का कचरा कम (Waste in Space) करने में मदद मिलेगी, वहीं उपग्रहों का अवरोध दूर होगा।
PSLV चार फेज़ वाला रॉकेट है जहां पहले तीन फेज के भाग समुद्र में गिर जाते हैं, और अंतिम फेज (PS4) उपग्रह को कक्षा में लॉन्च करने के बाद कबाड़ बन जाता है और वहीं ऊंची कक्षा में दशकों तक चक्कर लगाता रहता है। इससे उपग्रहों के इससे टकराने का खतरा बना रहता है।
ISRO की इस उपलब्धि के बाद रॉकेट के निचली कक्षा में रहने से ऊंची कक्षा में उपग्रहों का अवरोध दूर होगा। 536 km-570 km की ऊंची कक्षा में उपग्रहों को लॉन्च किया जाता है। यहां रॉकेट का मलबा नहीं होने से उपग्रहों के लिए और अधिक जगह भी मिल सकेगी।
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वहीं निचली कक्षा में रॉकेट दशकों तक नहीं बल्कि केवल दो महीने वहां चक्कर लगाएगा और फिर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर नष्ट हो जाएगा। इससे अंतरिक्ष का कचरा कम करने में मदद मिलेगी। ISRO ने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में कहा- PSLV-C56/DS-SAR मिशन : PS4 फेज़ डी-ऑर्बिटिंग प्रयोग सफल रहा। रॉकेट को 295 किलोमीटर * 300 किलोमीटर की कक्षा में ले जाया गया है। भारत अंतरिक्ष मलबे को (Waste in Space) कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सिंगापुर के इन उपग्रहों को किया गया है लॉन्च
ISRO ने रविवार सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सिंगापुर के डीएस एसएआर उपग्रह समेत सात उपग्रहों के साथ अपने PSLV-C56 रॉकेट का लॉन्च किया। लॉन्च के करीब 23 मिनट बाद मेन सैटेलाइट रॉकेट से अलग हुआ। 6 अन्य सैटेलाइट भी अलग हुए और निर्धारित कक्षा में स्थापित हुए।
‘गैलेक्सआई’ अगले साल दुनिया का पहला मल्टी सेंसर सेटेलाइट लॉन्च करेगा
अंतरिक्ष स्टार्ट-अप ‘गैलेक्सआई‘ अगले साल दुनिया का पहला मल्टी सेंसर सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सैटेलाइट रात दिन पृथ्वी का अवलोकन करने में सक्षम होगा।
पृथ्वी के चारों ओर कितना अंतरिक्ष मलबा
इस वक्त लगभग 2000 उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं, वहीं 3000 निष्क्रिय उपग्रह अंतरिक्ष में गंदगी (Waste in Space) फैला रहे हैं। इसके अलावा अंतरिक्ष कबाड़ के लगभग 34,000 टुकड़े हैं जो आकार मे 10 सेंटीमीटर से बड़े हैं और लाखों छोटे टुकड़े है जो अगर किसी और चीज से टकराते हैं तो विनाशकारी साबित हो सकते हैं।
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