Amogh Leela Das : इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKCON) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर गलत टिप्पणी (Wrong Comment) करने के लिए अपने एक भिक्षु अमोघ लीला दास पर एक महीने का बैन लगा दिया। ISKCON के नोटिस में ये भी लिखा है कि- अमोघ लीला दास (Amogh Leela Das) 1 महीने तक गोवर्धन की पहाड़ियों में रहेंगे और खुद को सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह अलग कर लेंगे।
अमोघ लीला दास (Amogh Leela Das) एक स्पीरीचुअल मोटिवेशनल स्पीकर हैं जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर काफी फेमय और वायरल हैं। अपने एक ‘प्रवचन’ के दौरान, अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानन्द द्वारा मछली के सेवन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि एक सदाचारी व्यक्ति कभी भी किसी जानवर का सेवन नहीं करेगा।
अमोघ लीला दास ने क्या कहा-
अमोघ लीला दास (Amogh Leela Das) ने आगे कहा- ‘क्या कोई सदाचारी व्यक्ति कभी मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है ना? तो फिर क्या कोई धर्मात्मा व्यक्ति मछली खायेगा?” उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के गुरु रामकृष्ण परमहंस पर भी कटाक्ष किया। उनके इस आपत्तिजनक कमेंट ने सोशल मीडिया पर विवाद पैदा कर दिया, जिससे इस्कॉन को अपने भिक्षु के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस्कॉन ने अपने बयान में क्या कहा
अपने बयान में, इस्कॉन ने कहा कि वह अमोघ लीला दास की “अनुचित और अस्वीकार्य टिप्पणियों और इन दो व्यक्तित्वों की महान शिक्षाओं के बारे में उनकी समझ की कमी” से दुखी है। उन्हें (अमोघ लीलादास) इस्कॉन से एक महीने की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
गोवर्धन की पहाड़ियों पर करेंगे प्रायश्चित
ISKCON ने अपने प्रेस रिलीज में आगे लिखा कि- अमोघ लीला दास ने “अपनी टिप्पणियों के लिए माफ़ी मांगी थी” और “गोवर्धन की पहाड़ियों में एक महीने के लिए ‘प्रायश्चित’ पर जाने का संकल्प लिया है”। नोटिस में कहा गया है कि वह तत्काल प्रभाव से खुद को सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह अलग कर लेंगे।
अमोघ लीला दास कौन हैं
अमोघ लीला दास द्वारिका इस्कॉन के उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वे लोगों को भगवत गीता के माध्यम से आध्यात्म मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अमोघ लीला के कई मोटिवेशनल स्पीच सोशल मीडिया पर काफी वायरल हैं। हाल ही में उनके स्पीच की एक लाइन की फिल्म आदिपुरुष के राइटर मनोज मुंतशीर पर चोरी करने का भी आरोप लगा है। फिल्म में हनुमान और मेघनाथ के बीच हुए संवाद- कपड़ा किसका रावण का- अमोघ लीला के स्पीच से ही इंस्पायर लगता है।
अमोघ लीला के पिता एक रॉ अधिकारी थें। अमोघ लीला का असली नाम आशीष अरोड़ा है। वो एक पंजाबी परिवार में जन्में है। अमोघ एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थें, और साथ ही एक अच्छे फुटबॉलर भी रहे हैं। अमोघ लीला 2010 में जनमाष्टमी के मौके पर इस्कॉन टेंपल गए थे। भगवत गीता के प्रति आकर्षण और मन की शांति के लिए वे इस्कॉन से जुड़े और वहां शिक्षा-दीक्षा लेने के साथ ही कृष्ण ब्रह्मचारी बन गए।
अमोघ लीला दास के अनुसार, 2010 में कॉर्पोरेट जगत छोड़ने का निर्णय लेने से पहले उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर का पद संभाला था। 29 साल की उम्र में, वह इस्कॉन में शामिल होकर एक समर्पित हरे कृष्ण ब्रह्मचारी (ब्रह्मचारी) बन गए।
इंजीनियर से भिक्षु बने अमोघ लीला दास के सोशल मीडिया पर कई लोग फॉलो करते हैं। इस्कॉन से प्रतिबंधित होने से पहले, उन्होंने दिल्ली के द्वारका में इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहें।
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