Health Insurance Policy : हेल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी लेने वाले ग्राहकों को इलाज के दौरान इंश्योरेंस से संबंधित जानकारी के लिए अपने एजेंट या कंपनी पर डिपेंड नहीं रहना होगा। आने वाले 1 जनवरी से सभी कंपनियों को पॉलिसी (Health Insurance Policy) की रसीद के साथ ग्राहक सूचना शीट भी मुहैया कराना जरूरी होगा। इस शीट में पॉलिसी कवर में शामिल सभी बीमारी से लेकर रुम और एंबुलेंस के खर्चे जैसी तमाम जानकारी क्लीयर दी जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) की तरफ से इंश्योंरस कंपनियों के लिए निर्देश जारी किया गया है। ग्राहकों को तमाम जानकारी उनकी स्थानीय भाषा में देनी होगी, जो आसानी से पढ़ी जा सके। कंपनी या उनके एजेंट सभी पॉलिसीधारकों को डिजिटल या फिजिकल रुप में जानकारी वाली शीट भेजेंगे और यह कन्फर्म करेंगे की पॉलिसीधारक को यह शीट मिल गई है।
शीट में होगी ये सभी जानकारियां
New Guidelines For Health Insurance Policy
- OPD, डेंटल, मेटरनिटी कवरेज, पर्सनल दुर्घटना कवर, अस्पताल में भर्ती होने की अवधि, डे केयर में होने वाले इलाज, मरीज का ट्रैवेल कवर जैसी तमाम जानकारी कंपनी को देनी होगी
- ग्राहकों को दी जाने वाली शीट में ये भी साफ लिखा होगा कि कितनी राशि तक के किराए वाले रुम को पॉलिसीधारक इलाज के दौरान ले सकता है
- ICU में भर्ती होने पर कितनी राशि तक का खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी
- ग्राहकों को यह भी बताना होगा कि पॉलिसी के नवीनीकरण के दौरान किसी और कंपनी से पॉलिसी लेने पर उन्हें क्या क्या नफा नुकसान होगा
- पॉलिसी के लगातार 8 साल पूरा होने पर कंपनी पॉलिसीधाकर को इंश्योरेंस के फायदे को किसी भी बहाने से नहीं टाल सकती है
IRDA का मानना है कि पॉलिसी संबंधी दस्तावेज कानूनी बारीकियों से भरा होता है। इंश्योरेंस कंपनी और ग्राहकों के बीच सूचना की विषमताओं की वजह से बड़ी संख्या में ग्राहकों को अपनी पॉलिसी (Health Insurance Policy) से जुड़ी कई जानकारियों का पता ही नहीं होता है। इससे इलाज के दौरान उपभोक्ता और कंपनी के बीच विवाद होता है और मामला उपभोक्ता अदालत से लेकर कोर्ट रुम तक पहुंचता है।
सरल और साफ भाषा में पहले ही उनकी पॉलिसी संबंधी तमाम सूचनाएं देने से इस तरह की शिकायतें कम होंगी। बीमा कंपनियों को किसी भई तरह की शिकायत दर्ज कराने और उसका निराकरण करने वाले मैकेनिज्म की पूरी जानकारी भी ग्राहकों को देनी होगी।
IRDA ग्राहकों के हित में बीमा पॉलिसी (Health Insurance Policy) को लेकर कई कदम उठा रहा है। इसी दिशा में हाल ही में नियामक ने पॉलिसी की भाषा को सुसंगत और सरल बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति में कुल 8 सदस्य शामिल किए गए हैं, जिनको 8 से 10 हफ्ते के अंदर अपनी सिफारिशें देनी होगी।
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