3D Printed Post Office : भारत में 3D प्रिंट से बने पहले पोस्ट ऑफिस का केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शुक्रवार को उद्घाटन किया है। इसको साइट पर महज 45 दिनों में सेप्शल टाइप के कंक्रीट के जरिये परत दर परत रोबोटिक प्रिंटर की 3D टैकनीक से बनाया गया है। 1,021 वर्ग फीट के क्षेत्र में बने एडवांस पोस्ट ऑफिस (3D Printed Post Office) को भारतीय निर्माण क्षेत्र में रेवोल्यूशनरी कदम माना जा रहा है।
PM मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेट मीडिया X पर पोस्ट में कहा- हर भारतीय को बेंगलुरु के रिहायशी कैम्ब्रिज लेआउट स्थित भारत के पहले 3D पोस्ट ऑफिस को देखकर गर्व होगा। यह हमारे देश के अन्वेषण और प्रगति की वसीयत है। इसमें आत्मनिर्भर भारत की भी भावना निहीत है।
3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस (3D Printed Post Office) को 43 दिन में बनाया गया है, वहीं पारंपरिक तरीके से बनाने में इसे करीब 6 – 8 महीने तक लगते हैं।
3D प्रिंटेड तकनीक की वजह से इसे बनाने में सिर्फ 23 लाख की लागत आई है, जो 30 से 40 परसेंट कम है।
पोस्ट ऑफिस (3D Printed Post Office) के भवन में कोई वर्टिकल जोड़ नहीं है। 3-डी प्रिंटिंग तकनीक (3D Printed Technique) डेनमार्क से इंपोर्ट की गई है। इसमें खास टेक्नोलॉजी से कंक्रीट फुटिंग और तीन परत वाली दीवार भी बनाई गई है, सबसे बाहरी परतों को कंक्रीट से प्रिंट किया गया।
इसका (3D Printed Post Office) निर्माण सिविल इंजीनियरिंग विभाग के भवन प्रौद्योगिकी और निर्माण प्रबंधन प्रभाग के प्रोफेसर मनु संथानम के मार्गदर्शन में IIT मद्रास के तकनीकी सहयोग से लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा किया गया है।
3डी प्रिंटिंग अधिक कुशल निर्माण के लिए दीवारों को अंदर से वेदर प्रूफ के साथ-साथ जरूरतों को भी शामिल करने में सक्षम बनाती है। इस तरह की तकनीक से हमें कठिन इलाकों समेच कहीं भी बेस्ट क्वालिटी वाले घरों को बनाने की अनुमति मिल सकती है।
रेल संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नए पोस्ट ऑफिस में कामकाज शुरु होने के बाद कहा- 3D प्रिंटेड कंक्रीट को साइट पर बनाने और इसे मूर्तरूप देने में IIT मद्रास का विशेष योगदान है। इस तकनीक से निर्माण बहुत तेजी और मजबूती से होता है। यह तकनीक मुख्यधरा में आएगी तो इसे और आगे बढ़ते देखेंगे। हम 3D प्रिंटेड तकनीक के तौर पर भारत की नई तस्वीर देख रहे हैं।
रेल संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- पहले किसी ने नहीं सोचा था कि भारत खुद की 4G-5G तकनीक बनाएगा। किसी ने नहीं सोचा था कि भारत दूरसंचार तकनीक का निर्माता बनेगा। यह देश कभी विश्व स्तरीय ट्रेनों को बनाने में सक्षम होगा। यह सब इसलिए संभव हुआ क्योंकि देश में निर्णय लेने वाला नेतृत्व है, जो देशवासियों की सक्षमताएं जानता है।
कंप्यूटर की मदद से इमारत की तैयार की डिजाइन को परत दर परत विशेष कंक्रीट से 3D फॉरमैट में बनाया जाता है। एक साल पहले स्वदेशी शोध के आधार पर IIT गुवाहाटी ने सेना के लिए एक 3D सैन्य चौकी बनाई थी। IIT मद्रास के मंजूर किए डिजाइन को लॉर्सन एंड टूब्रो कंस्ट्रक्शन ने थ्रीडी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक से बेंगलुरू के हलसुरू क्षेत्र में स्थित कैम्ब्रिज लेआउट में बनाया गया है।
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