6 Terrible Cyclones : हुदहुद, फेलिन से लेकर बिपरजॉय तक भारत ने बीते 10 सालों में कई समुद्री चक्रवात (Cyclones) झेले हैं। इमें से ज्यादातक चक्रवातों की उत्पति बंगाल की खाड़ी के ऊपर होती है और ये भारत के पूर्वी तट से टकराते हैं। एक रिसर्च के अनुसार, विश्व के करीब 8 परसेंट ट्रॉपिकल साइक्लोन भारत में आते हैं। यहां कुल तटीय क्षेत्र 7,516 km तक विस्तारित हैं। चक्रवात इन्हीं तटों से टकराते हैं। आइये जानते हैं पिछले 10 सालों में किन च्रकवातों से भारत का सामना हुआ, और किस चक्रवात ने सबसे अधिक तबाही मचाई।
10 सालों में इन 6 Terrible Cyclones ने मचाई भारत में तबाही
चक्रवात फेलिन (Cyclone Phailin) – 2013
200 km प्रतिघंटे थी हवा की रफ्तार, 1.32 लाख लोग हुए थे प्रभावित, 44 लोगों की हुई थी मौत। गोपालपुर के पास ओडिशा के तट से टकराया था फेलिन चक्रवात।
हुदहुद चक्रवात (HudHud Cyclone) – 2014
215 Km प्रतिघंटे की रफ्तरा से चली तेज हवा ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों मे तबाही मचा दी थी। इस चक्रवात ने 124 लोगों की जान ले ली और इमारतों, सड़कों, पावर ग्रिड को भी काफी नुकसान पहुंचाया था।
वरदा चक्रवात (Varada Cyclone) – 2016
155 Km प्रतिघंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं ने तमिलनाडु में बुनियादी ढांचे, पेड़ों और बिजली आपूर्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। इस च्रकवात में चेन्नाई में 18 लोगों की जान चली गई थी।
फानी चक्रवात (Fani Cyclone) – 2019
175 km प्रतिघंटे की रफ्तार से इस तूफान ने भारत के पूर्वी तट पर तबाही मचाई थी। फानी चक्रवात ने 64 लोगों की जान ले ली थी।
एम्फान चक्रवात (Amphan Cyclone) – 2020
1999 के बाद बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहला सुपर साइक्लोन एम्फान था। इस चक्रवात से भारत और बांग्लादेश को 1,147 अरब का आर्थिक नुकसान हुआ 129 से अधिक लोगों की जान भी गई।
टाक्टे चक्रवात (Cyclone Tauktae) – 2021
टाक्टे चक्रवात दो दशकों में सबसे पावरफुल चक्रवात था। 185 km प्रतिघंटे से भी अधिक की रफ्तार ने भयानक तबाही मचाई। इस चक्रवात में 100 से अधिक लोगों की जान गई।
इन राज्यों में हमेशा रहता है चक्रवात का साया
पूर्वी तट पर तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, बंगाल और पश्चिमी तट पर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों पर सबसे ज्यादा चक्रवात का खतरा रहता है। दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां 32 करोड़ लोग इसके प्रभाव की चपेट में रहते हैं।
मौसम विभाग ने दे दी समय रहते Warning
मौसम विभाग की ओर से समय रहते सटीक वॉर्निंग ने इस चक्रवातों से होने वाले नुकसान को कम से कम करने में मुख्य भूमिका निभाई है। समय से होने वाली आपदा तैयारी ने लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की थी। वरदा चक्रवात आने से काफी पहले ही संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकाल लिया गया था। फेलिन चक्रवात ने कृषि और आजीविका को व्यापक नुकसान पहुंचाया था।
Courtesy – Dainik Jagran
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