IBM Employee : क्या आप सोच सकते हैं कि आप 15 सालों से छुट्टी पर हैं, फिर भी कंपनी आपको सैलरी दे और फिर भी आप शिकायत करें कि मेरी सैलरी नहीं बढ़ाई जा रही। जी हां, पर ऐसा हुआ है। IBM कंपनी (IBM Employee) में काम करने वाला एक शख्स इयान क्लिफोर्ड 2008 से छुट्टी (Sick Leave) पर है। कंपनी से उसे उसकी सैलरी का 75 परसेंच मिल भी रहा है। अब शख्स ने आरोप लगाया है कि उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है और उसकी सैलरी नहीं बढ़ाई जा रही।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इयान क्लिफोर्ड ने सितंबर 2008 में तबीयत खराब होने पर सिक लीव ली थी। ईयान को मेंटल हेल्थ और ल्यूकेमिया बीमारी हो गई थी। फिर कंपनी ने 2013 में इयान को डिसेबिलिटी प्लान के अंतर्गत डाल दिया गया। इस प्लान के तहत जो भी इम्प्लाई बीमारी (IBM Employee) के कारण काम करने में असमर्थ रहेंगे, उन्हें कंपनी से निकलाने की बजाय उनकी सैलरी का 75 परसेंट मिलेगा। इम्पलॉई पर काम करने का प्रेशर भी नहीं दिया जाएगा।
2013 इयान की सैलरी 72,037 पाउंड (करीब 74 लाख रुपये) थी। प्लान के बाद 75 परसेंट के हिसाब से क्लिफोर्ड की एनुअल सैलरी 54000 पाउंड यानी 55,30,556 रुपये बनी। अब सोचिये रिटायर्मेंट तक इयान के पास खर्चा पानी जोड़कर कितने रुपये होंगे। अब ईयान ने शिकायत की है कि, उसके और उसके परिवार के लिए ये रुपये काफी नहीं है। आरोप लगाया कि काम करने में असमर्थ होने के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। 15 साल काम करने के बाद उनकी सैलरी नहीं बढ़ाई गई।
कोर्ट ने क्या कहा ?
कोर्ट ने इयान के दावे को खारिज कर दिया, और कहा कि इयान कंपनी के डिसेबिलिटी प्लान के तहत सही अमाउंट पा रहे हैं। सैलरी हाइक एक्टिव कर्माचारियों (IBM Employee) की होती है न कि निष्क्रिय कर्मचारियों की। जज ने कहा- इयान का भेदभाव वाला दावा बिलकुल गलत है। भले ही महंगाई के साथ सैलरी कम लगे, पर तब भी वो कंपनी की योजना का लाभ उठाते ही रहेंगे।
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