Hurun India Philanthropy List 2023 : हुरून इंडिया ने पिछले साल देश में परोपकारी कार्यों के लिए दान देने वालों की ताजा लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में देश के कुल 1,539 अमीरों को शामिल किया गया है, जिनमें हर एक की व्यक्तिगत संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. आइए जानते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 (Hurun India Philanthropy List 2023) के दौरान परोपकारी कार्यों के लिए दान देने में कौन-किस स्थान पर रहा है.
Hurun India Philanthropy List 2023
- शिव नाडर – 2,153 करोड़ दान दिए
परोपकार के मामले HCL टेक्नोलाजीज के संस्थापक शिव नाडर पहले स्थान पर रहे हैं. पिछले वर्ष नाडर ने 2,153 करोड़ रुपये की राशि दान दी है और इसमें वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले पांच परसेंट की वृद्धि रही है. शिव नाडर इस लिस्ट में लगातार तीसरे वर्ष टॉप पर रहे हैं.
- मुकेश अंबानी – 407 करोड़ दान दिए
देश के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने पिछले साल 407 करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों के लिए दिए हैं और लिस्ट में वे दूसरे स्थान पर रहे हैं. अंबानी की रैंक में एक अंक का सुधार हुआ है.
- 3 बजाज परिवार, ₹352 करोड़ दान दिए
ऑटो और वित्तीय क्षेत्र का कारोबार करने वाला बजाज परिवार पिछले वर्ष 352 करोड़ रुपये का दान देकर लिस्ट (Hurun India Philanthropy List 2023) में तीसरे स्थान पर रहा है. दान राशि में 33 परसेंट की बढ़ोतरी रही है.
- कुमारमंगलम विडला और परिवार – ₹334 करोड़ दान दिए
334 करोड़ रुपये की राशि दान देने वाले कुमारमंगलम बिड़ला और उनका परिवार इस बार लिस्ट में चौथे स्थान पर रहा है. परिवार ने इस साल 17 परसेंट ज्यादा राशि दान दी है.
- गौतम अदाणी – ₹330 करोड़ दान दिए
5 देश के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अदाणी ने पिछले साल 330 करोड़ रुपये की राशि दी है. वे इस लिस्ट में 5वें स्थान पर बरकरार रहे हैं.
- 154 करोड़ के साथ रोहिणी नीलेकणी परोपकारी कार्यों के लिए पैसे देने में महिलाओं में शीर्ष पर रही हैं. रोहिणी इन्फोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणी की पत्नी हैं.
900 करोड़ रुपये के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज दान देने में शीर्ष कंपनी रही है. कंपनी ने 840 करोड़ रुपये की राशि कॉरपोरेट सामाजिक दायित्वों (सीएसआर) पर खर्च करने की बात कही थी.
203 दानदाताओं की औसत दान राशि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 202-23के दौरान 119 दानदाताओं ने औसतन 71 करोड़ रुपये दिए थें.
3680 करोड़ का सबसे ज्यादा दान शिक्षा क्षेत्र को मिला है. 626 करोड़ रुपये के साथ हेल्थकेयर दूसरे और 331 करोड़ रुपये केसाथ ग्रामीण परिवर्तन तीसरे स्थान पर रहा है.
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