Conjunctivitis : भारत में आंखों के संक्रमण, खासकर कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के मामले काफी तेजी से बढ़ते देखे जा रही है। भारी बारिश के बीच दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में कंजंक्टिवाइटिस के कई मामले सामने आए हैं। कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर पिंक आई के रूप में जाना जाता है, कंजंक्टिवाइटिस एक संक्रामक, अत्यधिक संक्रामक स्थिति है जो आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदरूनी हिस्से को ढकने वाली पारदर्शी परत, कंजंक्टिवा में सूजन पैदा कर देता है।
इंडिया टुडे में पब्लिश्ड एक आर्टिकल के अनुसार, कंजंक्टिवाइटिस के कई कारण (Conjunctivitis Symptoms) होते हैं, खासकर एडल्ट्स में इसका मेन कारण वायरस है, इसके बाद बैक्टीरिया, एलर्जी, केमिकल एजेंट इसके फैलने के कारण होते हैं। फिर भी, भारत में, यहां की ज्यादा पॉपुलेशन और अनहाइजेनिक तरीके से रहने की आदत भी वायरल और बैक्टेरियल कंजंक्टिवाइटिस के बढ़ने के मेन कारण हैं।
इस साल, विशेषज्ञों ने बताया है कि तापमान में नमी (high humidity levels) के कारण वायरल संक्रमण बढ़ने के साथ, पिंक आई (Pink Eye) और आंखो से तेजी से पानी गिरना या आंखों में सूजन के मामले ज्यादा सुनने को मिल रहे हैं।
कंजंक्टिवाइटिस कैसे फैलता है?
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आमतौर पर डायरेक्ट या इनडायरेक्ट कॉन्टेक्ट के जरिए से होता है। इसका डायरेक्ट कारण किसी संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक के जरिए से होता है।
इंडायरेक्ट तरीके से, ये तौलिए, मेकअप, तकिए या कॉन्टैक्ट लेंस जैसी पर्सल चीजे शेयर करने से भी फैल सकता है।
फरीदाबाद की नेत्र रोग विशेषज्ञ (ophthalmologist) ने इंडिया टुडे को बताया कि- कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू (Conjunctivitis or Eye Flu) गंदी उंगलियों या गंदी वस्तुओं से फैलता है। इसलिए यदि कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित रोगी किसी चीज को छूता है और फिर कोई अन्य व्यक्ति आकर उसी चीज़ को छूता है और फिर उन्ही हाथों से अपनी आंख को छूता है, तो उसे भी कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है।
क्या देखने से भी फैलता है कंजंक्टवाइटिस ?
Conjunctivitis हवा से फैलने वाली बीमारी नहीं है, इसलिए आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को देखने से यह नहीं फैलेगा। कंजंक्टिवाइटिस तभी फैलेगा, जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले पानी के कॉन्टेक्ट में आएगा।
कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण पहचानना आसान
Symptoms of Conjunctivitis
1 – आँख या भीतरी पलक के सफ़ेद भाग में लालपन
2 – गाढ़ा पीला डिस्चार्ज जो पलकों पर जम जाता है, खासकर सोने के बाद
3 – लगातार, आंसू निकलना
4 – आँखों में खुजली, जलन
5 – धंधला दिखना और रौशनी में आते ही सेंसिटिविटी बढ़ जाना
डॉक्टर्स के अनुसार, पिंक आई वाले मरीजों को अपनी आंखों को बार-बार छूना या रगड़ना नहीं चाहिए। उन्हें अपने हाथ धोने चाहिए ताकि कीटाणु उनके हाथों से दूर रहें।
डॉ मित्तल ने बताया, इस साल देश में कंजंक्टवाइटिस के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। ये बहुत खराब है, हो सकता है कि वायरस का जो प्रकार इस साल संक्रमण का कारण बन रहा है, उसमें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने की दर बहुत अधिक हो।
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कंजंक्टवाइटिस के तीन मेन कारण होते हैं-
बैक्टीरियल कंजंक्टवाइटिस (bacterial conjunctivitis) के मामले में आम तौर पर आंखों में भारीपन, आंखों से चिपचिपा डिस्चार्ज निकलता है, जबकि वायरल या एलर्जिक कंजंक्टवाइटिस (Viral or Allergic Conjunctivitis) के मामलों में आंखों से पानी और नाक से पानी भी निकलता है।
कंजंक्टवाइटिस से ऐसे करें बचाव
1 – हाथों की साफ रखें, और अपने हाथों को बार बार धोएं। गंदे हाथों के कारण ही कंजंक्टवाइटिस फैलता है
2 – आखों के मेकअप या टावल जैसी चीजों को दूसरों से शेयर करने से बचे
3 – आखों के लिए इस्तेमाल होने वाले ब्यूटीप्रोडक्ट्स को एक्सपायर होने के बाद इस्तेमाल न करें
4 – अपने पिलो कवर (तकिये की खोली) को बार बार बदलें
5 – अपने टावल को समय पर धोएं और साफ कपड़े पहनें
6 – क्योंकि कंजंक्टवाइटिस संक्रामक है, इसलिए जिन लोगों को आईफ्लू है उनके करीब जाने से बचें
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