Heart Palpitations : तेजी से चलकर आना, सीढ़ी चढ़ने के बाद या दौड़ने के बाद दिल की धड़कने तेज होना आम बात है। कभी-कभी तो धड़कने इतनी तेज हो जाती है कि लगता है दिल ही बाहर आ जाएगा। तेज-तेज सांसे भी लेने लगते हैं। इसमें ऐसी कोई गंभीर बात तो नहीं, पर अगर ऐसा बार बार हो या धड़कने तेज होने पर घबराहट होने लगे चक्कर सा आने लगे तो फिर टेंशन की बात हो सकती है बॉस। कभी कभी एग्जाइटी एटैक के कारण भी दिल की धड़कने तेज या धीमी सी हो जाती हैं। आइये कुछ ऐसे सिम्प्टम्स या साइन जानते हैं, जिससे दिल की धड़कने तेज (Heart Palpitations) होना खतरा है या नॉर्मल इसे आप समझ सकते हैं।
ये 3 सिम्पटम्स हैं, हार्ट डिसीज़ के इशारे –
बार-बार या ज्यादा दिनों तक दिल की धड़कन का तेज होना– डॉक्टरों के अनुसार, कभी-कभी दिल की धड़कन तेज हो जाए और फिर अपने आप नॉर्मल हो जाए तो यह सामान्य बात है, पर बार बार ऐसा होना और लगातार तेज धड़कन के साथ घबराहट हो तो यह हृदय रोग के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से कन्सल्ट करना जरूरी है।
Atrial Tachycardia (एट्रियल टेचिकार्डिया) – हार्ट का उपरी हिस्सा बहुत तेज गति से धड़कने (Heart Palpitations) लगे तो इसे एट्रियल टेचिकार्डिया की स्थिति कहते हैं। इस स्थिति में छाती के उपरी भाग में तेज धड़कन महसूस होती है और घबराहट होने लगती है। इसमें छाती में दर्द भी होने लगता है। साथ ही सांस लेने में भी तकलीफ होती है। अगर ऐसा बार बार हो तो समझ जाइये कि ये नॉर्मल नहीं है। इस स्थित में आर्टिरीज़ में खून का थक्का भी जम सकता है। डॉक्टर से कॉन्टेक्ट करें और अपने हार्ट की समस्या को जानें।
बार-बार धड़कन तेज होना और बार-बार चक्कर आना
बार-बार धड़कन तेज (Heart Palpitations) हो रही है और बार-बार चक्कर भी आ रहा है तो इसे इग्नोर बिलकुल न करें। ऐसा होना आम नहीं है। अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट से कॉन्टेक्ट करें।
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