Gwalior : संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर को UNESCO ने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में ‘सिटी ऑफ म्यूजिक‘ का खिताब दिया है। UNESCO ने ग्वालियर की धरती को संगीतधानी मानते हुए यह दर्जा प्रदान किया है। इससे ग्वालियर दुनिया भर में फेमस तो होगा ही, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। UNESCO अब ग्वालियर (Gwalior) में अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगीत आयोजनों में भागीदारी करेगा।
वाराणसी और चेन्नई के बाद Gwalior को देश की तीसरी City of Music का खिताब हासिल हुआ है। दुनिया भर में ऐसे 65 शहर हैं, जिन्हें UNESCO ने सिटी ऑफ म्यूजिक घोषित किया है। संगीत को लेकर इन शहरों की ऐतिहासिक विरासत और वहां होने वाले आयोजनों को देखते हुए यह खिताब दिया जाता है।
UNESCO ने बुधवार को अपने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में दुनिया भर के 55 और शहरों को अलग अलग श्रेणियों में शामिल किया है। इसमें ग्वालियर के अलावा केरल के कोझिकोड को साहित्य की श्रेणी में शामिल किया गया है।
Gwalior got the title of City of Music
Gwalior ने साल 2018 में पहली बार सिटी ऑफ म्यूजिक के लिए दावेदारी की थी, पर उस वक्त सफलता नहीं मिली। इसके बाद शहर में संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया गया, साथ ही नगर निगम और स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने निर्माण कार्यों में संगीत की थीम का बेहतर इस्तेमाल किया।
जून में जिला प्रशासन के जरिए सिटी ऑफ म्यूजिक के लिए दावेदारी की गई थी। 4 सालों की कोशिशों के बाद UNESCO से ग्वालियर को ये खिताब मिल ही गया। अब ग्वालियर में UNESCO के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय म्यूजिक फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।
वहीं, बात करें वाराणसी की तो, वाराणसी को साल 2015 में UNESCO ने “City of Music” के रूप में मान्यता दी थी। इसे UNESCO की ‘उत्कृष्टता के क्षेत्र’ योजना के तहत संगीत श्रेणी में चुना गया था। इसके अंतर्गत आने वाली श्रेणियों में पाक-कला, मीडिया कला, डिजाइन, संगीत लोक कला, फिल्म, शिल्प और साहित्य शामिल हैं।
PM मोदी ने क्या कहा –
PM मोदी ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर और संगीत का बहुत खास रिश्ता है। UNESCO से इसे सबसे बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। मेरी कामना है कि इस शहर की संगीत परंपरा और उसे लेकर लोगों का उत्साह और बढ़े, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलती रहे।
वहीं, मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर मिली इस उपलब्धि को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ सहित UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भी खुशी जताई है।
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