Ghost Faculty : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोगी (NMC) ने 2022-23 के दौरान जिन मेडिकल कॉलेजों का मूल्यांकन किया उनमें से ज्यादातर कॉलेजों में ‘घोस्ट फैकल्टी‘ मिले। एक भी कॉलेज 50 परसेंट आवश्यक उपस्थिति के मानक पर खरा नहीं उतरा। Ghost Faculty या दिखावटी फैकल्टी वास्तविकता में नहीं केवल दस्तावेज में ही होते हैं। ये ‘घोस्ट फैकल्टी‘ वेतन तो पा रहे हैं पर काम पर नहीं आ रहे हैं। एनएमसी ने 27 राज्यों में 246 ग्रैजुएट मेडिकल कॉलेजों को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए मान्यता जारी रखने के लिए यह मूल्यांकन किया था।
कैसे खुला फर्जीवाड़ा
NMC ने अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) ने एसोसिएशन ऑफ एमरजेंसी फिजिशियन ऑफ इंडिया की शिकायत पर जवाब में यह बात कही। एईपीआई ने एनएमसी द्वारा नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए आवश्यक्ता के रुप में आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञता को बाहर करने के संबंध में शिकायत की थी।
हाल ही में अधिसूचित नियमों के अनुसार, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए अब आपातकालनी विभाग का होना जरूरी नहीं है। इससे पहले 23 जून के अपने मसौदे में ग्रैजुएशन में प्रवेश के लिए नए मेडिकल कॉलेजों में एमरजेंसी चिकित्सा विभाग का होना जरूरी था।
AEPI को 22 सितंबर को दिए गए यूजीएमईबी के जवाब के अनुसार, जब अधिकारियों ने कॉलेजों का दौरा किया तो एमरजेंसी चिकित्सा विभागों की वास्तविक तस्वीर कागज पर दिखने वाली तस्वीर अलग थी। UGMEB ने कहा- इन कॉलेजों के आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच करते समय हमें यह देखकर हैरानी हुई कि एमएसआर (न्यूनतम मानक आवश्यकता) के अनुसार, फैकल्टी और वरिष्ठ रेजिडंट डॉक्टरों के संबंध में आवश्यकताओं को पूरा करने में कॉलेज (Ghost Faculty) शत प्रतिशत फेल रहे।
Ghost Faculty के नाम पर फर्जीवाड़ा
अधिकांश कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टी थे। कॉलेजों को कमियों के लिए चेतावनी देने और कमियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देने के बाद भी कोई भी कॉलेज 50 परसेंट उपस्थिति की आवश्यकता को भी पूरा नहीं कर पाया। इससे साबित होता है कि कागज पर 134 कॉलेजों में आपातकालनी चिकित्सा विभाग हैं, लेकिन वास्तविक तस्वीर एकदम अलग है।
UGMEB एनएमसी में स्थापित डिजिटल मिशन मोड प्रोजेक्ट के जरिए से मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पताल की कार्यक्षमता का आकलन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अधिक निर्भर है। उपस्थिति मूल्यांकन आधार सक्षम बायोमेट्रिक अटेंडेन्स सिस्टम शिक्षण और इस मोड के माध्यम से अस्पताल के कामकाज के जरिए से किया जाता है।
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